Quota Tickets In Railways: रेल प्रशासन ने एचओ (HO) कोटा के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। अब खासकर दिल्ली और मुंबई जाने वाली ट्रेनों में कोटा आवंटन से पहले यात्रियों को रैंडम कॉल कर जानकारी सत्यापित की जाएगी। यह नई प्रक्रिया कोटा से जुड़े फर्जीवाड़ों पर लगाम लगाने और सिस्टम को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से लागू की गई है। रेलवे ने विजिलेंस जांच भी तेज कर दी है।
रेल प्रशासन ने एचओ कोटे के दुरुपयोग को रोकने के लिए नई सख्त नियमावली लागू की है, जो खासकर दिल्ली और मुंबई जाने वाली ट्रेनों पर प्रभावी होगी. हाल ही में इन दो गंभीर मामलों ने रेलवे को अपनी कोटा प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाने और बिचौलियों की गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण स्थापित करने के लिए मजबूर कर दिया है।
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क्या है नया नियम और जांच प्रक्रिया:
अब टिकट कंफर्म होने से पहले चयनित यात्रियों को कोटा एचओ कोटा द्वारा रैंडम कॉल किया जाएगा। रेलकर्मी इस कॉल के दौरान यात्रियों से कोटा आवंटन का माध्यम पूछेंगे। संतोषजनक जवाब न मिलने पर कोटा आवंटन रद्द कर दिया जाएगा और संबंधित व्यक्ति से पूछताछ भी की जाएगी।
यह प्रक्रिया कोटा आवंटन कंप्यूटर में फीडिंग से पहले अपनाई जाएगी, जिससे गलत तरीके से कोटा भेजने वाले पकड़े जा सकें।
पिछले फर्जीवाड़े की घटनाएँ:
बीते 6 जून को गोरखपुर से एलटीटी जाने वाली दादर एक्सप्रेस में एक ही पीएनआर पर 5 टिकट एजेंट के जरिए एचओ कोटा से कंफर्म हुए थे। जांच में यात्री ने बताया कि उसने एजेंट को प्रति टिकट ₹5,500 दिए, कुल ₹27,500
इसमें न सिर्फ एजेंट बल्कि एक रेल अधिकारी द्वारा जारी फर्जी लेटरहेड का भी उपयोग पाया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि सिस्टम में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा शामिल था।
टीटीई द्वारा हो सकती है रैंडम कोटा जांच:
इन घटनाओं के बाद रेलवे ने फौरन सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। विजिलेंस जांच को तेज कर दिया गया है ताकि कोटा से जुड़े हर फर्जीवाड़े की गहराई से जांच की जा सके। साथ ही, अन्य विभागों से आने वाले कोटा आवेदनों की भी गहन समीक्षा शुरू की गई है। अब प्रत्येक ट्रेन में टीटीई द्वारा रैंडम कोटा जांच की जाएगी, और यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
अब रैंडम कॉल से होगा वेरिफिकेशन:
रैंडम कॉल प्रणाली | टिकट कंफर्म से पहले यात्रियों को कोटा प्रक्रिया की पुष्टि के लिए फोन |
फर्जीवाड़ा की पहचान | एजेंट और अधिकारी मिलकर बना रहे फर्जी टिकट—₹5,500 प्रति टिकट की ठगी |
कठोर निगरानी | विजिलेंस जांच तेज, रैंडम कोटा जांच, और सख्त कार्रवाई की प्रतिबद्धता |
यह कदम रेलवे प्रशासन की यह स्पष्ट नीति दर्शाता है कि कोटा फर्जीवाड़ा अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और दोषियों के खिलाफ कड़े प्रशासकीय व कानूनी उपाय किए जाएंगे।
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