क्यों कई रेलवे स्टेशनों के नाम में जुड़ा होता है 'रोड'? यह है खास वजह!

जब आप ट्रेन से यात्रा करते हैं तो कई स्टेशनों के नाम में ‘रोड’ शब्द जुड़ा दिखता है, जैसे पिंडरा रोड (PDRD) रेलवे स्टेशन, नासिक रोड, खुर्दा रोड या आबू रोड। दरअसल, इसका मतलब होता है कि असली शहर स्टेशन से दूर है और वहां तक सड़क मार्ग से पहुंचना होता है।

Bagesh Yadav
Jul 15, 2025, 13:22 IST
क्यों कई रेलवे स्टेशनों में लिखा होता है ‘रोड’? इसके पीछे छिपा है ये राज!
क्यों कई रेलवे स्टेशनों में लिखा होता है ‘रोड’? इसके पीछे छिपा है ये राज!

जब आप ट्रेन से यात्रा करते हैं तो आपने कई बार देखा होगा कि कुछ रेलवे स्टेशनों के नाम के साथ 'रोड' शब्द जुड़ा होता है। जबकि असल में उस शहर के नाम में 'रोड' नहीं होता। फिर भी स्टेशन पर लिखा होता है, जैसे वाराणसी का पिंडरा रोड (PDRD) रेलवे स्टेशन, ज्ञानपुर रोड स्टेशन या झारखंड का हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन, वहीं देश में ऐसे कई और रेलवे स्टेशन है जिनके नाम में रोड शब्द जुड़ा होता है। आखिर रेलवे स्टेशनों के नाम में 'रोड' क्यों जोड़ा जाता है? इसका भी एक दिलचस्प कारण है, जो यात्रियों के लिए जरूरी जानकारी से जुड़ा है। आइए विस्तार से इसके बारें में समझते हैं। 

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क्यों जोड़ा जाता है 'रोड' शब्द?

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, जब किसी रेलवे स्टेशन के नाम में 'रोड' जुड़ा होता है तो इसका मतलब होता है कि वह स्टेशन मुख्य शहर से कुछ दूरी पर है। यानी यात्री उस स्टेशन पर उतरकर आगे रोड (सड़क) के रास्ते शहर तक जाएंगे। यह संकेत यात्रियों को पहले से ही बता देता है कि ट्रेन उन्हें शहर के बीचोंबीच नहीं छोड़ेगी, बल्कि कुछ दूरी पहले ही उतार देगी।

कितनी होती है शहर से दूरी?

ऐसे 'रोड' नाम वाले स्टेशनों से संबंधित शहर की दूरी 2 किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर तक भी हो सकती है। जैसे नासिक रोड, खुर्दा रोड और माउंट आबू, राजस्थान का आबू रोड स्टेशनों के नाम में रोड शब्द जुड़ा हुआ हैं। आपको देश में ऐसे कई रेलवे स्टेशन देखने को मिल जायेंगे जिनके नाम में यह शब्द जुड़ा है. 

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आखिर ऐसे स्टेशन दूर क्यों बनाए जाते है?

इसके पीछे भी तकनीकी और भौगोलिक कारण होते हैं। कई बार शहर तक रेलवे लाइन बिछाना बहुत मुश्किल या खर्चीला हो जाता है। जैसे, माउंट आबू एक पहाड़ी इलाका है। यहां रेलवे लाइन बिछाना बेहद महंगा पड़ता, इसलिए स्टेशन को पहाड़ के नीचे ही आबू रोड के नाम से बनाया गया। वहां से यात्री सड़क मार्ग से माउंट आबू तक पहुंचते हैं।

इसलिए अगली बार जब आप किसी 'रोड' शब्द वाले स्टेशन पर उतरें, तो समझ जाएं कि असली शहर अभी कुछ दूर है!

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Bagesh Yadav

Senior Executive

Bagesh Yadav is a content professional with 4+ years of work experience in education, national, international, and general news beats. He's a B.Tech in Computer Science, holds a bachelor's in Education, and is CTET Qualified - Paper I and Paper II. He has previously worked with 'Ajayvision Education' and 'Only IAS'. He is skilled in developing content like Current news articles, Trending news, World Affairs, and Infographics. He's dedicated to delivering high-quality work that drives engagement and conversions. He's currently working as a Senior Content Writer for the Current Affairs sections of Jagranjosh.com. He can be reached at bagesh.yadav@jagrannewmedia.com
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