उत्तर प्रदेश का वह जिला, जो आजादी के समय नहीं बना भारत का हिस्सा, जानें

Oct 16, 2025, 12:21 IST

उत्तर प्रदेश का इतिहास उठाकर देखें, तो हमें यहां कई ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं देखने को मिलती हैं, जिन्होंने अतीत के पन्नों पर अपनी छाप छोड़ने के साथ-साथ भविष्य पर भी अपना असर डाला है। इस कड़ी में यहां एक जिला ऐसा भी है, जो कि आजादी के बाद भारतीय संघ का हिस्सा बना था। कौन-सा है यह जिला, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

यूपी का वह जिला जो आजादी के समय नहीं बना भारत का हिस्सा
यूपी का वह जिला जो आजादी के समय नहीं बना भारत का हिस्सा

उत्तर प्रदेश को अपने समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। भारत का यह राज्य अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए विश्व विख्यात है। साथ ही, यहां की विरासत सदियों की परंपराओं को आगे बढ़ाने में सहयोग करती हैं। इस कड़ी में यहां कई ऐसे जिले हैं, जिनकी अपनी विशेषता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी का एक जिला ऐसा भी है, जो आजादी के समय भारत में शामिल नहीं हुआ था, बल्कि बाद में इसका विलय किया गया था। कौन-सा था यह जिला, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

उत्तर प्रदेश पर एक नजर 

आज जिस जगह पर उत्तर प्रदेश है, वहां कभी कोसल और पांचाल साम्राज्य हुआ करता था। बाद में यहां शर्कियों ने पहुंच जौनपुर बसाया और शिक्षा का प्रमुख केंद्र बना। कुछ समय बाद यहां मुगल पहुंचे, तो उन्होंने यहां अवध सूबा बसाया और इसकी कमान नवाबों के हाथों में चली गई। यहां अग्रेजों का राज हुआ, तो उन्होंने यहां उत्तर-पश्चिम प्रांत का गठन किया।

हालांकि, सत्ता पाने पर अंग्रेजों ने उत्तर-पश्चिम प्रांत को आगरा एवं अवध प्रांत में मिला दिया, जिसके बाद इसे संयुक्त प्रांत नाम दिया गया। देश आजाद हुआ और 1950 में इसे उत्तर प्रदेश नाम दिया गया। 

अलग-अलग संधियों से उत्तर प्रदेश पर हुआ कब्जा

उत्तर प्रदेश पर अंग्रेजों द्वारा अलग-अलग संधियों के माध्यम से कब्जा किया गया था। इसके तहत 1801 की संधि और 1856 की अवध की संधि महत्त्वपूर्ण थी। यही वह आखिरी संधि थी, जब अंग्रेजों ने लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह को गद्दी से हटा दिया था। 

कौन-सा जिला नहीं था भारतीय संघ का हिस्सा

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश का रामपुर जिला आजादी के समय भारतीय संघ का हिस्सा नहीं था। हालांकि, बाद में इसे भारतीय संघ में शामिल किया गया। 

क्यों नहीं था भारतीय संघ का हिस्सा 

उत्तर प्रदेश में पहले अलग-अलग रियासतें मौजूद थीं। इन रियासतों का प्रशासनिक नियंत्रण अंग्रेजों के पास था, लेकिन आंतरिक नियंत्रण नवाबों के हाथों में था। इसी तरह रामपुर के नवाबों के हाथों में रामपुर के आंतरिक नियंत्रण था। भारत को जब आजादी मिली, तो रामपुर ने तुरंत भारत के साथ विलय नहीं किया, बल्कि यह अपने नवाब रजा अली खान के नेतृत्व में स्वायत्त बना रहा। इस वजह से यहां राजनीतिक संघर्ष भी हुआ।

कब बना भारत का हिस्सा

रामपुर का 30 जून, 1949 को भारतीय संघ के संयुक्त प्रांत में विलय किया गया। इसके बाद 1 जुलाई, 1949 को इसे अलग से एक जिला घोषित किया गया। आपको बता दें कि रामपुर रोहिला वंश के शासकों का गढ़ था और यह यूपी की सबसे मजबूत और समृद्ध रियासतों में से एक था। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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