उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा विश्वविद्यालय कौन-सा है, यहां जानें

उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कि अपनी विविध संस्कृति के लिए जाना जाता है। प्रदेश में कई प्राचीन विश्वविद्यालय हैं, जो वर्षों से शिक्षा का केंद्र रहे हैं। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि यूपी का सबसे छोटा विश्वविद्यालय कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

Kishan Kumar
Jul 1, 2025, 17:57 IST
यूपी का सबसे छोटा विश्वविद्यालय
यूपी का सबसे छोटा विश्वविद्यालय

उत्तर प्रदेश को ज्ञान, धर्म और पंरपराओं का प्रदेश कहा जाता है। यहां की सनातन संस्कृति इसे अन्य राज्यों से अलग बनाती है। इन सभी विशेषताओं के पीछे यहां के विश्वविद्यालयों का प्रमुख महत्त्व रहा है, जिन्होंने वर्षों से शिक्षा के माध्यम से प्रदेश की जड़ों को मजबूत करने का काम किया है। इस कड़ी में आपने प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी का सबसे छोटा विश्वविद्यालय कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।

उत्तर प्रदेश का परिचय

उत्तर प्रदेश राज्य का पुनर्गठन 24 जनवरी, 1950 को किया गया था। अतीत के पन्नों में झांकें, तो यहां शर्कियों ने जौनपुर बसाया। बाद में यहां मुगलों ने पहुंच अवध सूबा बसाया, लेकिन इसकी कमान नवाबों के हाथों में दे दी। कुछ समय बाद यहां ब्रिटिश पहुंचे, तो उन्होंने यहां उत्तर-पश्चिम प्रांत का गठन किया, जिसे बाद में अवध सूबे में मिला दिया गया। आगे चलकर यह संयुक्त प्रांत नाम कहलाया और आजादी के बाद इसका नाम उत्तर प्रदेश कर दिया गया। 

उत्तर प्रदेश में कुल विश्वविद्यालयों की संख्या 

उत्तर प्रदेश में कुल 6 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। वहीं, राज्य विश्वविद्यालयों की संख्या 30 से अधिक है, जबकि निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 50 से अधिक है। वहीं, अन्य विश्वविद्यालयों में यहां मेडिकल, लॉ और कृषि समेत अन्य विश्वविद्यालय आते हैं। 

यूपी का सबसे छोटा विश्वविद्यालय 

उत्तर प्रदेश में यूं तो कई विश्वविद्यालय अपने यहां मौजूद छात्रों की संख्या, विभागों की संख्या और क्षेत्रफल के हिसाब से छोटे हैं। हालांकि, इनमें से सबसे छोटा विश्वविद्यालय संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को माना जाता है। 

किस प्रकार है सबसे छोटा विश्वविद्यालय

अब सवाल है कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय किस प्रकार छोटा है, तो आपको बता दें कि यह क्षेत्रफल में बहुत कम है। इस विश्वविद्यालय का कुल क्षेत्रफल 67 एकड़ है।

भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक 

यूपी का यह विश्वविद्यालय भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। इसकी स्थापना 1791 में शासकीय संस्कृत महाविद्यालय के रूप में की गई थी। बाद में 1958 में महाविद्यालय को विश्वविद्यालय का दर्जा मिला। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

I did my graduation from GGSIPU University, Delhi. I started my Career from Dainik Jagran(Print) as a reporter then I switched to Amar Ujala(Print) as a Sub-Editor. I used to cover all technical universities of Delhi including; DTU, IIIT, DSEU, IGDTUW & NSUT. Currently I work for Jagran Josh(A digital wing of Dainik Jagran). Here, I create digital content for General Knowledge Section. My expertise is in General Knowledge, Creative writing, Research, Hindi & English typing.
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