भारतीय रेलवे लाखों लोगों के लिए परिवहन के सबसे सुलभ साधनों में से एक है। पूरे एशिया में भारतीय रेलवे दूसरे स्थान पर आता है। यह लाखों लोगों की सुविधाओं को आसान बनाने का प्रयास कर रहा है।
भारतीय रेलवे ने स्वतंत्रता के बाद काफी विस्तार किया है, इसने देश के कोने - कोन तक लोगों को सुलभ सुविधाएं पहुंचाई हैं। भारतीय रेलवे के बारे में कई ऐसी बातें भी हैं, जिनसे आप अभी तक अंजान हैं। इनमें से एक नाम देश के सबसे छोटे रेलवे स्टेशन का भी आता है। इसके बारे में हम आगे लेख में चर्चा करेंगे।
भारत का सबसे छोटे नाम वाला रेलवे स्टेशन
जो लोग भारत के सबसे छोटे रेलवे स्टेशन के बारे में नहीं जानते, उन्हें यह नाम अनोखा लग सकता है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है, क्योंकि भारत के सबसे छोटे नाम वाले रेलवे स्टेशन का नाम सिर्फ दो अक्षर का है।
भारत का सबसे छोटे नाम वाले रेलवे स्टेशन और कहीं नहीं बल्कि ओडिशा राज्य में मौजूद है। सबसे छोटे नाम वाले रेलवे स्टेशन को ईब के नाम से जाना जाता है, जिसे इंग्लिश में IB लिखा जाता है।
रेलवे स्टेशन का नाम ईब कैसे पड़ा
ओडिशा राज्य में मौजूद इस स्टेशन का नाम ईब कैसे पड़ा ये सवाल आपके दिमाग में आ रहा होगा? हम बताते हैं आखिर कैसे।
दरअसल, ओडिशा में ईब नाम की महानदी बहती है, जिसके नाम पर यहां के रेलवे स्टेशन का नाम ईब पड़ा।
भले ही ये नाम कितना भी छोटा हो लेकिन, ये हजारों स्टेशनों से अलग है।
134 साल पुराना रेलवे स्टेशन
यह रेलवे स्टेशन साल 1891 से उपयोग में है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईब रेलवे स्टेशन 134 साल पुराना है। ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में स्थित यह स्टेशन भारतीय रेलवे के बिलासपुर डिवीजन का हिस्सा है।
क्या आप जानते हैं: तमिलनाडु में स्थित पुराट्ची थलाइवर डॉ. मारुदुर गोपालन रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन भारत के सबसे बड़े नाम वाला रेलवे स्टेशन है। एक बार में इसका नाम याद रखना और बोलना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इस स्टेशन का नाम तमिलनाडु के लोकप्रिय मुख्यमंत्री और लोकप्रिय अभिनेता डॉ. डॉ. मारुदुर गोपालन रामचंद्रन के नाम से रखा गया है।
ये भी पढ़ें: भारत की इन 5 जगहों को कहा जाता है ‘मिनी स्विट्जरलैंड’