उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। इसके साथ ही यह सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य भी है। राज्य अपनी विविध संस्कृति और समृद्ध इतिहास के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है।
वहीं, यहां के जिले भी राज्य को विशेष बनाने में सहयोग करते हैं। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना ही होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी का कौन-सा जिला चिकनकारी के लिए जाना जाता है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
यूपी में कुल जिले और मंडल
उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। ये मंडल कुल चार संभागों का हिस्सा हैं, जिनमें पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल और बुंदेलखंड शामिल है। राज्य में कुल 351 तहसील, 17 नगर निगम, 75 नगर पंचायत और 28 विकास प्राधिकरण मौजूद हैं।
साल 2000 में हुआ विभाजन
उत्तर प्रदेश राज्य का गठन 24 जनवरी, 1950 को किया गया था। हालांकि, इसका विभाजन साल 2000 में किया गया। उस समय लोगों की मांग को देखते हुए राज्य में से एक अलग राज्य यानि कि उत्तरांचल का गठन किया गया। बाद में साल 2006 में यह राज्य उत्तराखंड कहलाया।
कौन-सा जिला कहलाता है चिकनकारी का शहर
अब सवाल है कि यूपी में कौन-सा जिला चिकनकारी का शहर कहलाता है, तो आपको बता दें कि यह यूपी की राजधानी यानि कि लखनऊ शहर है, जो कि चिकनकारी का शहर कहलाता है।
क्यों कहा जाता है चिकनकारी का शहर
चिकनकारी को लेकर कहा जाता है कि यह कला मुगल काल में भारत में पहुंची थी। भारत पहुंचने पर लखनऊ इसका मुख्य केंद्र बना। इसका संरक्षण अवध के नवाबों द्वारा किया गया। इस वजह से इस कला को शाही दरबार में विशेष स्थान मिला।
क्या होती है चिकनकारी
चिकनकारी में कपड़े पर सुई और धागे द्वारा विभिन्न प्रकार के टांके लगाकर पैटर्न बनाए जाते हैं। यह मुख्य रूप से सफेद या हल्के रंग के कपड़े पर सफेद धागे से होती है, जिसमें बहुत ही बारीकी से काम किया जाता है। वर्तमान में अलग-अलग रंग के धागों के माध्यम से चिकनकारी का काम किया जाता है।
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