देश में किन परिस्थितियों में लागू होती है Emergency, यहां पढ़ें डिटेल

भारत में राष्ट्रीय आपातकाल लगे हुए पूरे 50 वर्ष हो गए हैं। साल 1975 में 25 जून को आपातकाल की घोषणा की गई थी। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि देश में किन परिस्थितियों में आपातकाल की घोषणा की जाती है। इस लेख में हम इस बारे में जानेंगे।

Kishan Kumar
Jun 25, 2025, 16:38 IST
कब लागू होती है इमरजेंसी
कब लागू होती है इमरजेंसी

25 जून, 2025 को राष्ट्रीय आपातकाल लगे हुए पूरे 50 वर्ष हो गए हैं। साल 1975 में देश में राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया गया था। राजनीतिक गलियारे में इस दिवस को काला दिवस भी बताया जाता है। हालांकि, हमारा यहां समझना जरूरी है कि आखिर देश में किन परिस्थितियों में आपातकाल की घोषणा की जाती है। वहीं, देश के संविधान में किस भाग और किस अनुच्छेद में आपातकाल का जिक्र किया गया है।

संविधान के किस भाग में है आपातकाल

भारतीय संविधान के भाग XVIII (अनुच्छेद 352 से 360) में आपातकालीन प्रावधान दिए गए हैं। संविधान में आपातकाल को लेकर राष्ट्रपति को यह अधिकार दिया गया है, जो कि देश की सुरक्षा, अखंडता और लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं।

भारत में कितने प्रकार के हैं आपातकाल

भारतीय संविधान के मुताबिक, देश में तीन प्रकार के आपातकाल की घोषणा की जा सकती है। इसमें राष्ट्रीय आपातकाल, राज्य आपातकाल और वित्तीय आपातकाल शामिल है।

क्या होता है राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) 

राष्ट्रीय आपातकाल का जिक्र संविधान के अनुच्छेद 352 में किया गया है। यह पूरे देश या इसके किसी हिस्से में लगाया जा सकता है। हालांकि, राष्ट्रपति का इस बात से संतुष्ट होना जरूरी है कि भारत या इसके किसी भाग की सुरक्षा को खतरा है।

-युद्ध की स्थितिः यदि भारत किसी अन्य देश के साथ औपचारिक रूप से युद्ध लड़ रहा है।

-बाहरी आक्रमणः यदि देश पर किसी दूसरे देश द्वारा हमला किया जाता है।

-सशस्त्र विद्रोहः यदि देश के लोग सरकार के खिलाफ हो जाए। पहले इसे आंतरिक अशांति के रूप में जाना जाता था, जिसे 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा नाम में परिवर्तन किया गया।

-आपको बता दें कि राष्ट्रपति द्वारा केंद्रीय कैबिनेट की लिखित सिफारिश के बाद ही राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं।

क्या होता है राज्य आपातकाल

राज्य आपातकाल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 में आता है। हालांकि, यह तब लगाया जाता है जब राष्ट्रपति  को राज्यपाल या फिर किसी अन्य रिपोर्ट से यह संतुष्टि हो कि राज्य का शासन संविधान के प्रावधानों के आधार पर नहीं चलाया जा सकता है, तब राज्य आपातकाल लगाया जाता है। इसे संवैधानिक आपातकाल भी कहा जाता है। इस घोषणा को दो महीने के अंदर ही संसद के दोनों सदनों द्वारा साधारण बहुमत अनुमोदन अनिवार्य है। 

क्या होता है वित्तीय आपातकाल

वित्तीय आपातकाल संविधान के अनुच्छेद 360 में दिया गया है। यदि राष्ट्रपति को इस बात का विश्वास हो जाए कि भारत या फिर इसके किसी क्षेत्र की वित्तीय स्थिरता को खतरा है, तो वित्तीय आपातकाल की घोषणा की जा सकती है। भारत में अभी तक वित्तीय आपातकाल की घोषणा नहीं की गई है।

भारत में कब-कब लगी है राष्ट्रीय इमरजेंसी

भारत में अब तक तीन बार राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की गई है। पहली बार 1962 के भारत-चीन युद्ध, 1971 के भारत-पाक युद्ध और 1975 में आंतरिक अशांति के कारण इमेरजेंसी लगाई गई थी।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

I did my graduation from GGSIPU University, Delhi. I started my Career from Dainik Jagran(Print) as a reporter then I switched to Amar Ujala(Print) as a Sub-Editor. I used to cover all technical universities of Delhi including; DTU, IIIT, DSEU, IGDTUW & NSUT. Currently I work for Jagran Josh(A digital wing of Dainik Jagran). Here, I create digital content for General Knowledge Section. My expertise is in General Knowledge, Creative writing, Research, Hindi & English typing.
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