भारत एक विविधताओं वाला देश है जहाँ न केवल संस्कृति और परंपराएं अलग-अलग हैं, बल्कि भाषाओं की भी बहुलता है। इसी भाषाई विविधता को सम्मान देने और दर्शाने के लिए भारतीय करेंसी नोटों पर भी कई भाषाओं में मूल्य लिखा जाता है। भारत सरकार द्वारा जारी ₹500 के नए नोट पर कुल 17 भाषाओं में इसका मूल्य अंकित होता है। यह विशेषता न केवल भारत की एकता में विविधता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि भारतीय मुद्रा सिर्फ एक आर्थिक साधन नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा भी है।
RBI के इन 19 ऑफिसों में डाक के माध्यम से भेज सकते है 2,000 के पड़े नोट, देखें पूरी डिटेल्स
RAC यात्रियों के लिए खुशखबरी, भारतीय रेलवे ने उठाया यह अहम कदम
₹500 पर लिखी है कितनी भाषाएं:
वर्तमान में चलन में मौजूद ₹500 का नोट महात्मा गांधी (नया सीरीज़) का हिस्सा है, जिसे 10 नवंबर 2016 को विमुद्रीकरण के बाद जारी किया गया था। इस नोट पर भाषाओं का वितरण दो हिस्सों में किया गया है:
नोट के सामने (Obverse Side) – यहाँ मूल्य दो भाषाओं में लिखा होता है:
अंग्रेज़ी (English)
हिन्दी (Hindi)
नोट के पीछे (Reverse Side) – पीछे की तरफ एक भाषा पैनल होता है, जिसमें 15 भाषाओं में ₹500 लिखा गया होता है। ये भाषाएं भारत की संविधान में मान्यता प्राप्त 22 आधिकारिक भाषाओं में से हैं और इनका चयन वर्णमाला क्रम में किया गया है।
इन भाषाओं की सूची इस प्रकार है:
असमिया, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, ओड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु और उर्दू।
करेंसी नोट कौन जारी करता है?
भारतीय मुद्रा प्रणाली भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अंतर्गत संचालित होती है। धारा 22 के अनुसार, भारत में ₹2 और उससे अधिक के सभी नोट भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं।
केवल ₹1 का नोट और सभी सिक्के भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए जाते हैं, लेकिन उन्हें भी आरबीआई द्वारा ही संचालित किया जाता है।
करेंसी नोटों की छपाई:
भारतीय मुद्रा नोटों की छपाई देश की चार प्रमुख प्रेसों में होती है:
-
करेंसी नोट प्रेस – नासिक (महाराष्ट्र)
-
बैंक नोट प्रेस – देवास (मध्य प्रदेश)
-
BRBNMPL – सालबोनी (पश्चिम बंगाल)
-
BRBNMPL – मैसूर (कर्नाटक)
भारतीय करेंसी पर क्या लिखा होता है?
जब भी आप कोई भारतीय करेंसी नोट (जैसे ₹100 या ₹500) देखते हैं, तो उसके पिछले हिस्से में 15 अलग-अलग भारतीय भाषाओं में उस नोट की "मूल्य राशि" (Denomination) लिखी होती है। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास ₹100 का नोट है, तो उसके पिछले हिस्से पर 15 भाषाओं में लिखा होगा कि यह ₹100 का नोट है। ये भाषाएं भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं में से चयनित होती हैं और एक पैनल में अनुक्रम से लिखी जाती हैं।
भारतीय मुद्रा के बारे में रोचक तथ्य
-
1861 का पेपर करेंसी अधिनियम (Paper Currency Act): इस अधिनियम के तहत भारत सरकार को करेंसी छापने और जारी करने का अधिकार मिला।
-
महात्मा गांधी सीरीज: 1996 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किया गया ₹10 का नोट इस सीरीज का पहला नोट था।
-
फिएट मनी (Fiat Money): भारत में छपी सभी करेंसी—चाहे सिक्के हों या नोट—फिएट मनी कहलाती हैं, क्योंकि इन्हें भारत सरकार का समर्थन प्राप्त है। यानी इनका मूल्य सरकार की गारंटी पर आधारित है।
-
रिजर्व बैंक का विशेषाधिकार: भारतीय रिजर्व बैंक को RBI अधिनियम की धारा 22 के अंतर्गत भारत में बैंकनोट छापने का एकमात्र अधिकार है।
-
चलन में उपलब्ध मूल्यवर्ग: वर्तमान में निम्नलिखित मूल्यवर्ग के नोट चलन में हैं: ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹200, ₹500 और ₹2000।
-
नोट छापने की प्रिंटिंग प्रेस: भारत में कुल 4 नोट प्रिंटिंग प्रेस हैं—इनमें से 2 प्रेस भारतीय रिजर्व बैंक के अधीन हैं और 2 भारत सरकार के अंतर्गत आती हैं। इन प्रेसों में भारतीय करेंसी नोटों की छपाई होती है।
किन देशों से लगता है Iran का Border, लिस्ट में भारत का यह पड़ोसी भी शामिल