उत्तर प्रदेश में कौन-सा जिला कहलाता है ‘मसालों का शहर’, जानें क्या है नाम

Dec 1, 2025, 14:03 IST

उत्तर प्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कि अपनी विविध संस्कृति के लिए जाना जाता है। भारत का यह राज्य अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए भी विश्व विख्यात है। यहां के प्रत्येक जिले की अपनी खासियत है। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी में एक जिला ऐसा भी है, जिसे मसालों का शहर भी कहा जाता है। 

यूपी में मसालों का शहर
यूपी में मसालों का शहर

उत्तर प्रदेश तप,ज्ञान,धर्म और त्याग की धरती है। यहां का इतिहास उठाकर देखें, तो इस भूमि से महाकाव्य महाभारत से लेकर बुद्ध काल और देश के आधुनिक इतिहास का गहरा नाता रहा है।

यहां के अलग-अलग शहरों की अपनी पहचान है। प्रदेश के प्रत्येक जिले की अपनी विशेषता है, जिससे यहां प्रत्येक जिले को एक उपनाम भी मिला हुआ है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी में एक जिला ऐसा भी है, जिसे मसालों का शहर भी कहा जाता है। कौन-सा है यह जिला, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

उत्तर प्रदेश में कुल जिले और मंडल 

सबसे पहले हम उत्तर प्रदेश के कुल जिलों के बारे में जान लेते हैं। आपको बता दें कि यूपी में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। ये सभी मंडल कुल चार संभागों का हिस्सा हैं, जिनमें कुल चार संभाग हैं। इन संभागों की बात करें, तो यह पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल और बुंदेलखंड है। कुछ किताबों में हमें रोहिलखंड और बघेलखंड का भी जिक्र मिलता है। 

उत्तर प्रदेश के चार दिशाओं के चार जिले

उत्तर प्रदेश पूर्व से पश्चिम तक कुल 650 किलोमीटर है, जो कि बलिया से शामली जिले तक है। वहीं, उत्तर से दक्षिण इसकी लंबाई कुल 240 किलोमीटर है। प्रदेश का सबसे पूर्वी जिला बलिया है। सबसे पश्चिमी जिला शामली, सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर और सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र है।

उत्तर प्रदेश में मसालों का शहर

उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में मसालों का उत्पादन होता है। हालांकि, यहां एक जिला ऐसा भी है, जहां मसालों का अधिक उत्पादन होता है। यह जिला पूर्वी उत्तर प्रदेश में आने वाला मऊ जिला है। 

क्यों कहा जाता है मसालों का शहर

मऊ जिला मसाला व्यापार के लिए प्रमुख जिलों में शामिल है। साथ ही, जिले में लाल मिर्च पाउडर का अधिक उत्पादन होता है। ऐसे में मसालों क लिए अपनी विशेष पहचान रखने के कारण इस जिले को मसालों का शहर भी कहा जाता है। 

मऊ जिले का इतिहास

मऊ जिले का नाम मुगल काल से पड़ा है। इसके अर्थ की बात करें, तो मऊ एक पुरानी भाषा से लिया गया शब्द है, जिसका अर्थ छावनी या ठहरने का स्थान होता है। मुगल काल में जहांगीर की पत्नी नूरजहां ने यहां का दौरा किया था और यहां एक मस्जिद की नींव रखी थी। ब्रिटिश काल में यह छावनी और व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ था। यह पहले आजमगढ़ जिले का हिस्सा हुआ करता था। हालांकि, बाद में 1988 में यह जिला आजमगढ़ से अलग हुआ। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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