दिल्ली में आयोजित 13वें रजनीगंधा प्रेजेंट्स जागरण फिल्म फेस्टिवल (JFF) ने अपने पहले अध्याय के साथ एक यादगार शुरुआत की। सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में हुए इस आयोजन में कई चर्चित फिल्में प्रदर्शित की गईं। लेकिन जिस फिल्म ने दर्शकों का दिल जीत लिया, वह थी निर्देशक अनंत महादेवन की ‘फुले’, जो समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन और उनके योगदान पर आधारित है। फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद ऑडिटोरियम तालियों और स्टैंडिंग ओवेशन से गूंज उठा।
दमदार स्क्रीनिंग और दर्शकों की प्रतिक्रिया
JFF में ‘फुले’ को मिले रिस्पॉन्स ने इस फेस्टिवल को खास बना दिया। ऑडिटोरियम में मौजूद दर्शकों ने फिल्म की सराहना करते हुए खड़े होकर तालियां बजाईं। यह फिल्म शिक्षा, विधवा पुनर्विवाह और लैंगिक समानता के संघर्ष की गाथा पेश करती है।
प्रतीक गांधी का अनुभव
ज्योतिराव फुले की भूमिका निभा रहे प्रतीक गांधी ने कहा कि यह उनके करियर के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने बताया— “अगर कहानी दमदार हो तो वह हर युग में दर्शकों को प्रभावित करती है। जेएफएफ में दर्शकों की गर्मजोशी ने मेरा दिल जीत लिया।”
पत्रलेखा का भावुक बयान
सावित्रीबाई फुले का किरदार निभाने वाली पत्रलेखा ने कहा— “सावित्रीबाई का जीवन संघर्ष, सहानुभूति और दृढ़ विश्वास से भरा हुआ था। हमें खुशी है कि दर्शकों ने दिल खोलकर हमारी फिल्म का स्वागत किया। ऐसी कहानियों का उद्देश्य नई पीढ़ी को साहस और प्रेरणा देना है।”
जेएफएफ का उद्देश्य और महत्व
जागरण प्रकाशन लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बसंत राठौर ने कहा कि जेएफएफ का मुख्य उद्देश्य अहम कहानियों को नए दर्शकों तक पहुंचाना है। उनके अनुसार, ‘फुले’ शिक्षा और सामाजिक सुधार की नींव को याद दिलाने वाली प्रेरक फिल्म है।
निर्देशक अनंत महादेवन की खुशी
फिल्म के निर्देशक अनंत महादेवन ने कहा कि थिएटर से अलग किसी फिल्म फेस्टिवल में इतनी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलना बेहद खास अनुभव है। उन्होंने जेएफएफ के सभी दर्शकों का आभार जताया जिन्होंने फिल्म को भरपूर प्यार दिया।
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