PM मोदी के ‘Make in India’ अभियान की बदौलत भारत अब Mobile Phone Manufacturing के क्षेत्र में तेजी से एक Global Hub बनकर उभरा है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने वियतनाम को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में मोबाइल फोन बनाने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। साल 2014 से 2022 के बीच देश में बने मोबाइल फोन के Shipments दो अरब से भी ज्यादा हो चुके हैं। ‘Made in India’ पहल ने पिछले दस सालों में न केवल Manufacturing को बढ़ाया, बल्कि Employment Opportunities भी बनाए और देश में Self-Reliance की भावना को मजबूत किया। इस संबंध में Electronics & IT, रेलवे तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने ताजा आंकड़े साझा किए हैं।
RAC यात्रियों के लिए खुशखबरी, भारतीय रेलवे ने उठाया यह अहम कदम
2014 से अब तक कितनी बढ़ी Mobile Manufacturing क्षमता?
भारत में Mobile Phone Manufacturing में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। जहां 2014 में सिर्फ 2 मोबाइल Manufacturing Units थीं, वहीं अब देश में 300 से अधिक Mobile Manufacturing Facilities काम कर रही हैं। 2014-15 में भारत में बिकने वाले मोबाइल फोन में से केवल 26% देश में बनते थे, बाकी Imported होते थे। आज यह आंकड़ा 99.2% तक पहुंच गया है। साल 2014 में मोबाइल निर्माण का मूल्य जहां ₹18,900 करोड़ था, वह 2023-24 में बढ़कर ₹4,22,000 करोड़ तक पहुंच गया है।
दुनिया में कौन-कौन से देश हैं Top Mobile Manufacturers?
भारत अब मोबाइल फोन उत्पादन में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। चीन इस क्षेत्र में अभी भी सबसे बड़ा खिलाड़ी बना हुआ है, लेकिन भारत ने खासकर Exports और Domestic Production में बड़ी छलांग लगाई है। नीचे दी गई Table में दुनिया के प्रमुख मोबाइल निर्माता देशों का योगदान देखें:
देश | Global Mobile Manufacturing Contribution (%) | प्रमुख मोबाइल निर्माता कंपनियाँ |
चीन | 67% | हुवावे, शाओमी, ओप्पो, वीवो, ऑनर, लेनोवो |
भारत | 12% | सैमसंग, शाओमी, वीवो, ओप्पो, लावा, माइक्रोमैक्स |
वियतनाम | 10% | सैमसंग, ओप्पो, शाओमी, विनस्मार्ट |
दक्षिण कोरिया | 5% | सैमसंग, एलजी (2021 तक), प्रीमियम सैमसंग लाइनें |
इंडोनेशिया | 2% | सैमसंग, ओप्पो, वीवो, एडवान |
अन्य देश | 4% | अमेरिका (एप्पल असेंबली पार्टनर), ब्राजील, ताइवान (फॉक्सकॉन) |
Mobile Market में भारत की बढ़ती पकड़
आज भारत में एक अरब से ज्यादा मोबाइल फोन उपयोग में हैं और देश में हर साल लगभग 325–330 मिलियन मोबाइल फोन बनाए जाते हैं। घरेलू मांग पूरी होने के बाद भारत के मोबाइल फोन Exports में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। जहां 2014 में मोबाइल फोन Exports नाममात्र के थे, वह अब ₹1,29,000 करोड़ के पार पहुंच गए हैं।
इस तेजी का मुख्य कारण क्या हैं?
इस शानदार उपलब्धि के पीछे सबसे बड़ा कारण ‘Make in India’ Campaign को माना जा रहा है। इसके चलते चार्जर, बैटरी पैक, USB Cables जैसे जरूरी पुर्जों से लेकर Lithium-Ion Cells, स्पीकर-माइक्रोफोन Assemblies, Display Modules और Camera Modules जैसे उन्नत पार्ट्स भी अब देश में ही बनाए जा रहे हैं। इससे देश को तकनीकी Self-Reliance की दिशा में मजबूती मिली है।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation