भारत में आधार कार्ड पहचान का एक नया आधार (Aadhaar) बन गया है, आज लगभग 90% से ज्यादा आबादी के पास आधार कार्ड है। यह सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी जरूरी डॉक्यूमेंट है। स्कूल में एडमिशन से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने तक, बच्चे का आधार कार्ड होना जरूरी होता है। आज हम बाल आधार (Baal Aadhaar) के बारें में ही चर्चा करने जा रहे है.
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बाल आधार में शुरु में बायोमेट्रिक क्यों नहीं होता?
Aadhaar Biometrics For Child: छोटी उम्र में बच्चों के फिंगरप्रिंट और आंखों का स्कैन साफ तरीके से नहीं आ पाते। इसी वजह से शुरुआत में बच्चों का आधार कार्ड सिर्फ फोटो और बेसिक जानकारी के आधार पर बनता है।
बायोमेट्रिक अपडेट क्यों जरूरी है?
अगर समय रहते बायोमेट्रिक अपडेट नहीं कराया गया तो बच्चे का आधार कार्ड इनएक्टिव हो सकता है। इससे स्कूल, कॉलेज, बैंक या सरकारी योजनाओं में आधार वैलिड नहीं रहेगा। इसलिए उम्र पूरी होते ही अपडेट जरूर कराएं।
बच्चों के आधार कार्ड में कब-कब बायोमेट्रिक अपडेट करना जरूरी?
UIDAI के नियमों के मुताबिक बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट दो बार जरूरी होता है:
- पहली बार 5 साल की उम्र पूरी होने पर।
- दूसरी बार 15 साल की उम्र पूरी होने पर।
- 5 साल की उम्र में बच्चे के फिंगरप्रिंट और आंखों का स्कैन लिया जाता है और रिकॉर्ड अपडेट होता है।
- इसके बाद 15 साल की उम्र में फिर से बायोमेट्रिक अपडेट कराया जाता है।
Baal Aadhaar बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट कैसे कराएं?
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सबसे पहले नजदीकी आधार सेवा केंद्र जाएं।
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अपॉइंटमेंट आप UIDAI की ऑफिशियल वेबसाइट से भी बुक कर सकते हैं।
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केंद्र जाकर अपडेट फॉर्म भरें।
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वहां बच्चे के फिंगरप्रिंट, आंखों का स्कैन और नई फोटो ली जाएगी।
बायोमेट्रिक अपडेट के लिए कोई फीस नहीं!
बच्चों के बायोमेट्रिक अपडेट के लिए कोई भी चार्ज नहीं देना पड़ता। अगर कोई शुल्क मांगे तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं।साथ हीअपनी अपडेट रिक्वेस्ट का स्टेटस आप UIDAI की वेबसाइट से आसानी से चेक कर सकते हैं।
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