भारत के केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी 90वीं वर्षगांठ पर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। आमतौर पर बेहद गोपनीय माने जाने वाले इस संस्थान ने पहली बार देशवासियों के लिए अपने ‘गोल्ड वॉल्ट’ के दरवाजे खोल दिए हैं। Jio Hotstar पर रिलीज हुई नई डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ ‘RBI Unlocked: Beyond the Rupee’ में लोग इस छिपे खजाने की झलक देख सकते हैं। यह पांच भागों की सीरीज़ RBI के महत्वपूर्ण कार्यों को आम जनता तक पहुंचाने की एक अनोखी कोशिश है।
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RBI के गोल्ड वॉल्ट के अंदर क्या है?
डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि कैसे 12.5 किलो वजन की सोने की ईंटें कड़ी सुरक्षा में रखी गई हैं। इन सोने की ईंटों की कीमत करोड़ों में है।
क्या कहते है RBI अधिकारी:
“देश आएंगे-जाएंगे, अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव आएंगे, लेकिन सोने की कीमत अपनी जगह बनी रहेगी।”
साल 1991 के आर्थिक संकट में भारत को अपना सोना विदेश में गिरवी रखना पड़ा था। तभी से RBI ने अपने गोल्ड रिजर्व में कई गुना बढ़ोतरी की है ताकि भविष्य में किसी भी आर्थिक झटके से देश को मजबूती से संभाला जा सके। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, RBI के पास करीब 85 अरब डॉलर से ज्यादा का सोना है, जो विदेशी मुद्रा स्थिरता और निवेशकों के भरोसे को बनाए रखने का एक मजबूत आधार है।
साल 2025 में भारत के पास कितना टन सोना?
भारत के पास वर्तमान में करीब 870 टन सोना रिजर्व में मौजूद है, जिसकी कुल कीमत 85 अरब डॉलर से ज्यादा आंकी गई है। यह सोना RBI के कड़े सुरक्षा वाले गोल्ड वॉल्ट्स में सुरक्षित रहता है और विदेशी मुद्रा स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।
RBI की 90 साल की यात्रा:
‘RBI Unlocked: Beyond the Rupee’, Chalkboard Entertainment द्वारा निर्मित इस डॉक्यूमेंट्री में RBI की 90 साल की यात्रा को दिलचस्प ढंग से दिखाया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे यह संस्थान सिर्फ नोट छापने वाला या ब्याज दर तय करने वाला नहीं, बल्कि एक पूर्ण वित्तीय प्रहरी बन चुका है।
आत्मनिर्भरता की कहानी:
डॉक्यूमेंट्री में भारत की मुद्रा से जुड़ी एक कम जानी-पहचानी कहानी भी दिखाई गई है। एक समय था जब भारतीय नोटों के लिए खास कागज और स्याही विदेशों से मंगाई जाती थी। इसी वजह से जाली नोटों का खतरा भी बढ़ता था।
पूर्व डिप्टी गवर्नर उषा थोराट बताती हैं कि 2010 में जांच में बेहद उच्च गुणवत्ता के नकली नोट पकड़े गए, क्योंकि हम विदेशी कागज पर निर्भर थे। इसके बाद RBI ने देश में ही मध्यप्रदेश के देवास, महाराष्ट्र के नासिक, पश्चिम बंगाल के सालबोनी और कर्नाटक के मैसूर में अपनी सुविधाएं खड़ी कीं। अब भारतीय नोट पूरी तरह ‘मेड इन इंडिया’ हैं और इनमें 50 से ज्यादा सुरक्षा फीचर होते हैं।
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