उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कि अपनी विविध संस्कृति और अनूठी पंरपराओं के लिए जाना जाता है। आपने राज्य के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। इस कड़ी में अलीगढ़ एक ऐसा जिला है, जो कि प्रदेश में सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक रूप से अपनी अलग पहचान रखता है। क्या आप जानते हैं कि पूर्व में अलीगढ़ जिले का नाम कितनी बार बदला है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
उत्तर प्रदेश में कुल जिले और मंडल
उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। ये सभी मंडल कुल चार संभागों का हिस्सा हैं, जिनमें पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल और बुंदेलखंड शामिल है। कुछ किताबों में हमें रोहिलखंड और बघेलखंड का भी जिक्र मिलता है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में कुल 351 तहसील, 17 नगर निगम, 75 नगर पंचायत और 28 विकास प्राधिकरण मौजूद हैं।
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिले की बात करें, तो यह लखीमपुर खीरी जिला है। यह जिला कुल 7246 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। वहीं, प्रदेश का सबसे छोटा जिला हापुड़ है, जो कि 660 वर्ग किलोमीटर में है।
अलीगढ़ का सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन नाम
अलीगढ़ के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध नाम की बात करें, तो यह कोल है। 18वीं शताब्दी से पहले इसे कोल नाम से ही जाना जाता था। प्राचीन ग्रंथों में कोल को एक जनजाति या जाति, किसी पर्वत का नाम या किसी राक्षस का नाम माना गया है। वहीं, कुछ इतिहासकार मानते हैं कि 372 ईस्वी में दोर जनजाति के राजपूतों ने अलीगढ़ की स्थापना की थी।
कितनी बार बदला गया अलीगढ़ का नाम
-मुहम्मदगढ़: भारत में इब्राहिम लोदी के शासनकाल (1524-25) के दौरान कोल के गवर्नर रहे मुहम्मद ने इसका नाम बदलकर मुहम्मदगढ़ रख दिया था
-सबीतगढ़: मुगल काल में मुगल शासक फर्रुख सियार और मुहम्मद शाह के शासनकाल में गवर्नर साबित खान ने यहां पुराने लोदी किले का पुनर्निर्माण करवाया, जिसके बाद उन्होंने शहर का नाम सबीतगढ़ रखा।
-रामगढ़: शहर को लेकर जाटों ने युद्ध किया और 1753 में जीत हासिल की। जाट शासक सूरजमल ने नाम बदलकर रामगढ़ रख दिया था।
-अलीगढ़: साल 1775 आया और एक शिया कमांडर रहे मिर्जा नजफ खान ने रामगढ़ को जीत लिया। खान ने रामगढ़ का नाम बदला और इसे अलीगढ़ कर दिया। हालांकि, जिले का सबसे प्रसिद्ध नाम कोल है। आज भी यहां कोल नाम की तहसील और विधानसभा क्षेत्र है।
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