उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। वहीं, यह राज्य वर्षों से शिक्षा, ध्यान, परंपरा, संस्कृति और ज्ञान का केंद्र रहा है। आज भी हमें यहां कई प्राचीन विश्वविद्यालय और कॉलेज देखने को मिल जाएंगे, जिन्होंने भारत के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वर्तमान में इन शैक्षणिक केंद्रों में आधुनिक शिक्षण प्रणाली ने अपनी जगह बनाई हुई है, जिससे न सिर्फ शिक्षा का दायरा बढ़ा है, बल्कि शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों की संख्या मे भी इजाफा हुआ है।
यही वजह है कि यूपी के तमाम बड़े विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए देश-विदेश से छात्र पहुंचते हैं। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि यूपी की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी कौन-सी है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
उत्तर प्रदेश में कुल जिले और मंडल
उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। ये मंडल कुल चार संभागों में आते हैं, जिनमें पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल और बुंदेलखंड शामिल है। प्रदेश में कुल 351 तहसील, 17 नगर निगम, 75 नगर पंचायत, 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायत और 28 विकास प्राधिकरण मौजूद हैं।
यूपी की सबसे बड़ी University कौन-सी है
उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी की बात करें, तो यह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय(BHU) है। यह सिर्फ यूपी नहीं, बल्कि भारत के सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है।
कब हुई थी स्थापना
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना महान शिक्षाविद् पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा साल 1916 में की गई थी। उन्होंने इस विश्वविद्यालय को भारतीय संस्कृति और आधुनिक विज्ञान के संगम के तौर पर स्थापित किया था। उस समय महान हस्ती डॉ. एनी बेसेंट ने भी विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया था।
कितना बड़ा है विश्वविद्यालय
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय पूरे एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालयों में से एक है। यूनिवर्सिटी का मुख्य परिसर करीब 1300 एकड़ में फैला हुआ है। इसे यदि किलोमीटर में बदलें, तो यह करीब 5.3 वर्ग किलोमीटर है। खास बात यह है कि यूनिवर्सिटी का दूसरा कैंपस मिर्जापुर में है, जो कि 2700 एकड़ में है।
30,000 छात्र ले रहे हैं शिक्षा
यूनिवर्सिटी में करीब 30,000 छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जो कि 40 से अधिक देशों से हैं। यहां 14 स्ट्रीम्स, 140 विभाग और 6 संस्थान हैं, जो कि नर्सरी से लेकर पोस्ट डॉक्टरल की डिग्री प्रदान करते हैं। आपको बता दें कि इस विश्वविद्यालय का निर्माण देशभर से चंदा इकट्ठा कर किया गया था। इसके लिए पंडित मदन मोहन मालवीय ने देशभर की यात्रा की थी। वहीं, जिस भूमि पर यह बना है, उसे काशी नरेश द्वारा दान में दिया गया था।
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