भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां की संस्कृति और समृद्ध इतिहास इसे अन्य देशों से अलग बनाते हैं। इस कड़ी में हाल ही में भारत के एक राज्य को अदरक की राजधानी के रूप में चुना गया है। खास बात यह है कि यह घोषणा भारत के थिंक टैंक कहे जाने वाले नीति आयोग द्वारा की गई है। आपने भी कभी-न-कभी इस राज्य के बारे में जरूर पढ़ा या सुना होगा। कौन-सा है यह राज्य, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
किस राज्य को मिला है अदरक की राजधानी का खिताब
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि भारत में किस राज्य को अदरक की राजधानी का खिताब मिला है, तो यह भारत के उत्तर-पूर्व में स्थित मिजोरम राज्य है। इस राज्य को हाल ही में नीति आयोग द्वारा अदरक की राजधानी के रूप में मान्यता दी गई है।
क्यों मिला है अदरक की राजधानी का खिताब
मिजोरम को उत्पादकता को लेकर अदरक की राजधानी का खिताब नहीं मिला है, बल्कि यह खिताब गुणवत्ता, कार्बनिक खेती और मूल्य श्रृंखला विकास के आधार पर दिया गया है। इन सभी कारकों को आधार बनाकर विश्लेषण कर नीति आयोग ने मिजोरम को अदरक राजधानी के रूप में चुना है।
अदरक के लिए आदर्श मिजोरम की जलवायु
मिजोरम राज्य की जलवायु अदरक की खेती के लिए आदर्श है। यहां उच्च वर्षा होती है और उष्णकटिबंधीय पहाड़ जलवायु है, जो कि अदरक के विकास में सहायक है। वहीं, यहां की मिट्टी भी अदरक के पोषण के लिए बेहतर है, जिससे अदरक में तीखापन आता है।
मिजोरम में जैविक खेती पर जोर
मिजोरम में खेती में पारंपरिक खेती प्रणाली का उपयोग किया जाता है। वहीं, यहां न्यूनतम रासायनिक उपयोग होता है, जिससे यहां जैविक खेती ही प्रमुख तौर पर खेती का हिस्सा बनी हुई है। यहां के खेतों में कीटनाशकों का कम से कम उपयोग होता है, जिससे अदरक का स्वाद, गुणवत्ता और उत्पादकता पर प्रभाव पड़ता है।
अदरक से बनी इन चीजों का होता है उत्पादन
मिजोरम में न सिर्फ अदरक का उत्पादन होता है, बल्कि इससे बने उत्पादों का भी निर्माण किया जाता है। इस कड़ी में यहां अदरक का तेल बनाया जाता है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक मांग रहती है। वहीं, मिजोरम में बनी सूखी अदरक या सोंठ की भी अधिक मांग रहती है, जिसका उपयोग मसालों और औषधी में किया जाता है। इसी प्रकार अदरक कैंडी और अन्य उत्पाद भी अदरक से तैयार किए जाते हैं।
नकदी फसल के रूप में है पहचान
मिजोरम में अदरक एक नकदी फसल है, यानि इस फसल का उपयोग किसानों द्वारा मुनाफे के लिए किया जाता है। इस फसल को सीधे बाजारों में बेचा जाता है। आपको बता दें कि नकदी फसल वे होती हैं, जो कि सीधे उपभोग नहीं, बल्कि बाजार में बेचने के लिए उगाया जाता है। इन फसलों में गन्ना, कपास, अदरक और हल्दी आदि फसलें शामिल हैं।
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