भारत का नक्शा उठाकर देखें, तो हमें राष्ट्रीय राजमार्गों का एक विस्तृत नेटवर्क देखने को मिलता है। ये राजमार्ग न सिर्फ यातायात का एक माध्यम हैं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से भी इसका अधिक महत्त्व है। इन मार्गों पर चलने वाली अमूमन सभी गाड़ियों से टोल टैक्स वसूला जाता है।
हालांकि, इन मार्गों पर चलने वाले दोपहिया वाहनों से टैक्स नहीं लिया जाता है। क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
क्या होता है Toll Tax
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर हमें टोल टैक्स क्यों देना पड़ता है। आपको बता दें कि जब भी सड़क पर आपके वाहन द्वारा एक निश्चित दूरी तय कर ली जाती है, तो आपको इसके बदले में टोल टैक्स देना होता है। यह आमतौर पर राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर वसूल किया जाता है।
दोपिहया वाहनों से क्यों नहीं लिया जाता है टोल टैक्स
अब सवाल है कि आखिर दोपहिया वाहनों से टोल टैक्स क्यों नहीं लिया जाता है। आपको बता दें कि राजमार्ग या एक्सप्रेसवे पर चलने वाले वाहनों से उनके अनुपात के हिसाब से टैक्स लिया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि सड़क पर चलने वाली गाड़ी कितनी जगह का घेराव कर रही है, इसके आधार पर गाड़ियों से टोल टैक्स वसूला जाता है। ऐसे में दोपहिया वाहन सड़क पर कम जगह घेरते हैं, जिस वजह से इन गाड़ियों को टैक्स से छूट दी जाती है।
कम दूरी के लिए इस्तेमाल होते हैं दोपहिया
एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर दोपहिया वाहन कम दूरी के लिए इस्तेमाल होते हैं। वहीं, कार व अन्य बड़ी गाड़ियां अधिक दूरी के लिए इस्तेमाल होती हैं। साथ ही, दोपहिया वाहन चालक निम्न और मध्यम श्रेणी से होते हैं, जिस वजह से भी इन चालकों को छूट के दायरे में रखा जाता है।
इस एक्सप्रेसवे पर लगता है टोल टैक्स
भारत में सीमित एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर दोपहिया वाहन चालकों से टोल टैक्स लिया जाता है। यहां दिल्ली से आगरा के बीच एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स लिया जाता है। वहीं, आगरा से लखनऊ के बीच भी दोपहिया वाहन चालकों से टोल टैक्स लिया जाता है।
हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसी तरह सामान्य अध्ययन से जुड़ा अन्य लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
पढ़ेंःहिंदी का सबसे बड़ा शब्द, जिसे एक बार में पढ़ना है मुश्किल, जानें
Comments
All Comments (0)
Join the conversation