भारत का एक प्रमुख बंदरगाह सिर्फ समुद्री मार्गों का प्रवेश द्वार नहीं होता है, बल्कि यह भारत के साथ-साथ दूसरे देशों से आयात-निर्यात करके देश के आर्थिक विकास को भी तेज करता है। मुख्य रूप से भारत में 13 प्रमुख बंदरगाह हैं, जिन्हें भारत सरकार ने मान्यता दी है। लेकिन, भारत में निजी व्यावसायिक बंदरगाहों का भी एक केंद्र है।
भारत के कई सबसे बड़े बंदरगाहों में मुंद्रा पोर्ट का नाम भी शामिल है। यह बंदरगाह भारत का सबसे बड़ा व्यावसायिक बंदरगाह है।
इस लेख में हम मुंद्रा पोर्ट के बारे में सभी जरूरी जानकारी देंगे।
भारत का सबसे बड़ा व्यावसायिक बंदरगाह कौन-सा है?
मुंद्रा पोर्ट भारत का सबसे बड़ा व्यावसायिक बंदरगाह है। गुजरात में स्थित यह बंदरगाह व्यापार और बिजनेस के लिए भारत के सबसे बड़े प्रवेश द्वारों में से एक है। मुंद्रा पोर्ट कच्छ जिले में कच्छ की खाड़ी के उत्तरी तट पर एक महत्त्वपूर्ण स्थान पर स्थित है।
यह एक गहरे पानी वाला और हर मौसम में काम करने वाला बंदरगाह है, जो भारत के उत्तरी भीतरी इलाकों को वैश्विक बाजारों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाता है।
मुंद्रा पोर्ट को अक्सर बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे का एक चमत्कार कहा जाता है और इसे भारत का सबसे बड़ा निजी और कंटेनर बंदरगाह भी माना जाता है। यह एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) भी है, जिससे व्यापार और लॉजिस्टिक्स में इसका महत्त्व और भी बढ़ जाता है।
भारत का लगभग एक-तिहाई कंटेनर ट्रैफिक केवल मुंद्रा पोर्ट से होकर गुजरता है और यह बंदरगाह देश की समुद्री अर्थव्यवस्था में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है।
मुंद्रा पोर्ट की मुख्य विशेषताएं
-मुंद्रा पोर्ट का संचालन अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) द्वारा किया जाता है। यह भारत का सबसे बड़ा व्यावसायिक पोर्ट ऑपरेटर है, जो देश के लगभग 25% माल की आवाजाही को संभालता है।
-इसकी कुल हैंडलिंग क्षमता 260 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) है और इसने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 155 MMT से अधिक माल संभाला, जो भारत के समुद्री माल का लगभग 11% है।
-यह बंदरगाह 26 बर्थ और दो सिंगल-पॉइंट मूरिंग से लैस है, जो इसे कई तरह के जहाजों और माल को संभालने में सक्षम बनाता है।
-यह बंदरगाह कंटेनर, ड्राई बल्क, ब्रेक बल्क, लिक्विड कार्गो और ऑटोमोबाइल जैसे माल को संभालता है। यहां भारत का सबसे बड़ा कोयला आयात टर्मिनल भी है, जिससे माल की निकासी तेजी से होती है और जहाजों का टर्नअराउंड समय कम हो जाता है।
-यह बंदरगाह राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, जिससे भारत के लगभग किसी भी हिस्से में माल की आवाजाही हो सकती है।
मुंद्रा पोर्ट की क्षमताएं और बुनियादी ढांचा क्या हैं?
मुंद्रा पोर्ट को गहरे ड्राफ्ट, हर मौसम में काम करने और सीधे बर्थिंग की सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है। यह इसे दुनिया के सबसे काबिल बंदरगाहों में से एक बनाता है। इसमें निम्नलिखित को संभालने की क्षमता है:
-सबसे बड़े कच्चे तेल के टैंकर (VLCCs)
-दुनिया के सबसे बड़े केप-साइज बल्क कैरियर
-सबसे बड़े कंटेनर जहाज
-सबसे बड़े कार कैरियर
-सबसे बड़े LNG कैरियर
वैश्विक व्यापार के बाजार में मुंद्रा पोर्ट अपनी ‘साल-भर-संचालन’ की क्षमता के लिए खास पहचान रखता है। इसका मतलब है कि यह बंदरगाह खराब मौसम की वजह से एक भी दिन के लिए बंद नहीं होता है।
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