उत्तर प्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। यह राज्य अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए विश्व विख्यात है। भौगोलिक रूप से देखें, तो यहां गंगा और यमुना सबसे प्रमुख नदियां हैं, जो कि मिलकर दोआब क्षेत्र का निर्माण करती हैं। यह वह क्षेत्र है, जो कि पूरे उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक उपजाऊ माना जाता है।
इस क्षेत्र से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार मिलती है, क्योंकि यहां की उपजाऊ मिट्टी फसलों के लिए अधिक लाभदायक है, जिससे किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाली फसले मिलती हैं। यह बात हम सभी जानते हैं कि गंगा और यमुना का संगम प्रयागराज में होता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी के वे तीन जिले कौन-से हैं, जिनसे मिलकर यमुना-गंगा का दोआब क्षेत्र बनता है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
यूपी की सबसे लंबी नदी कौन-सी है
उत्तर प्रदेश की सबसे लंबी नदी गंगा है। यह प्रदेश में सांस्कृतिक, आर्थिक और धार्मिक महत्त्व रखती है। यही वजह है कि राज्य के विकास में इस नदी का अहम योगदान माना जाता है।
यूपी में कितनी लंबी है गंगा और यमुना
गंगा नदी की कुल लंबाई 2525 किलोमीटर है। इसमें से करीब 1450 किलोमीटर का सफर सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही पूरा करती है। वहीं,यमुना नदी की कुल लंबाई 1376 किलोमीटर है। कुछ स्रोतों पर गौर करें, तो यह करीब 1000 किलोमीटर का सफर उत्तर प्रदेश में पूरा करते हुए प्रयागराज में गंगा से जाकर मिलती है।
क्या है ऊपरी दोआब का प्रमुख बिंदु
गंगा नदी उत्तराखंड से निकलने के बाद यूपी के बिजनौर जिले से राज्य में प्रवेश करती है। वहीं, यमुना नदी उत्तराखंड से निकलने के बाद यूपी के सहारनपुर जिले से प्रवेश करती है। ऐसे में प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में बिजनौर और सहारनपुर दोआब का प्रमुख बिंदु हैं।
दक्षिण का प्रमुख दोआब बिंदु कौन-सा है
यूपी के उत्तरी हिस्से में गंगा और यमुना बिजनौर व सहारनपुर जिलों से चलकर राज्य के अलग-अलग जिलों से गुजरती हैं। ऐसे में इन दो नदियों के बीच का क्षेत्र यमुना और गंगा का दोआब क्षेत्र कहलाता है, जो कि अपनी उपजाऊ क्षमता के लिए जाना जाता है। दक्षिण छोर पर आते-आते इन दो नदियों का संगम प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर होता है। ऐसे में बिजनौर, सहारनपुर और प्रयागराज के बीच का क्षेत्र दोआब क्षेत्र कहलाता है।
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