भारत के उत्तर में जब भी प्रमुख राज्यों की बात होती है, तो इसमें उत्तर प्रदेश का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है। भारत का यह राज्य अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि हर साल यहां बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी पहुंचते हैं। यह बात हम सभी जानते हैं कि जब भारत में मुगल साम्राज्य की नींव पड़ी, तो उन्होंने यूपी के अलग-अलग जिलों को अपना गढ़ बनाया।
इस कड़ी में अलग-अलग जिलों में हमें मुगलों के अलग-अलग ऐतिहासिक स्थल देखने को मिलते हैं। हालांकि, इन शहरों में यूपी का एक शहर ऐसा भी है, जो कि मुगलों की पहली पसंद रहा है। कौन-सा है यह शहर, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
सबसे अधिक जिले वाला राज्य
उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। ये मंडल कुल चार संभागों में आते हैं, जिनमें पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल और बुंदलेखंड शामिल है। इसके अतिरिक्त, यहां हमें बघेलखंड और रोहिलखंड का भी जिक्र मिलता है। प्रदेश में कुल 351 तहसील, 17 नगर निगम, 58 हजार ग्राम पंचायत और 1 लाख से अधिक गांव हैं।
यूपी का सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला लखीमपुर खीरी है, जो कि 7246 वर्ग किलोमीटर में है। वहीं, सबसे छोटा जिला हापुड़ है, जो कि 660 वर्ग किलोमीटर में है। लखीमपुर खीरी मेंढक आकार में बने शिव मंदिर के लिए जाना जाता है, जबकि हापुड़ शहर को स्टील सिटी भी कहा जाता है।
कौन-सा जिला रहा मुगलों की पहली पसंद
अब सवाल है कि यूपी का कौन-सा जिला मुगलों की पहली पसंद रहा है, तो आपको बता दें कि यूपी का आगरा शहर मुगलों की पहली पसंद रहा है। यहां आपको आगरा के किले से लेकर दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताज महल भी देखने को मिल जाएगा। ये दोनों ही विश्व विरासत स्थल हैं।
आगरा क्यों रहा पहली पसंद
भारत में पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी और बाबर की लड़ाई हुई, तो बाबर की जीत हुई। इसके बाद बाबर ने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी और आगरा को अपनी राजधानी बनाने का निर्णय लिया। क्योंकि, बाबर से पहले सिकंदर लोदी द्वारा 1504 में आगरा को अपनी राजधानी बनाया जा चुका था, ऐसे में बाबर को यहां पहले से ही किलेबंदी और एक व्यवस्थित शहर बसा हुआ मिला। बाबर ने यहां भारत का पहला फारसी आराम बाग का भी निर्माण करवाया।
जब बदलनी पड़ी राजधानी
बाबर के बाद जब हुमायूं और अकबर का शासन हुआ, तो आगरा और भी विकसित किया गया। अकबर ने यहां फतेहपुर सीकरी का निर्माण करवाया, जो कि विश्व विरासत स्थल में शामिल है। यहां पर दुनिया का सबसे बड़ा दरवाजा बुलंद दरवाजा भी मौजूद है। हालांकि, पानी की कमी की वजह से अकबर को अपनी राजधानी बदलनी पड़ी और उन्होंने आगरा किले का पुनःनिर्माण कराया। यहां समय-समय पर अलग-अलग मुगल हुए, जिन्होंने किले को अपनी समझ से डिजाइन कराया।
यमुना का होना था महत्त्वपूर्ण
आगरा उत्तर भारत के दोआब क्षेत्र में आता है। ऐसे में यहां की मिट्टी अधिक उपजाऊ थी, जो कि मुगल काल में कृषि के लिए एक महत्त्वपूर्ण बिंदु साबित हुई। वहीं, यहां की भौगोलिक स्थिती भी महत्त्वपूर्ण थी, क्योंकि यहां से मध्यप्रदेश से लेकर राजस्थान तक आसानी से जाया जा सकता था। यह वजह रही कि मुगल शासक बदलते रहे, लेकिन मुगलों की राजधानी नहीं बदली।
शाहजहां ने बदली राजधानी
मुगल बादशाह शाहजहां को वास्तुकला और निर्माण में अधिक रूचि थे। वह एक ऐसा शहर बसाना चाहते थे, जो कि उनके अनुरूप डिजाइन किया गया हो। साथ ही, शहर का नाम भी उनके नाम पर हो। ऐसे में उन्होंने यमुना का किनारा चुनते हुए दिल्ली में यमुना किनारे किला-ए-मुबारक यानि कि लाल किला का निर्माण करवाया और इसके चारों ओर दीवार बनवाकर शहर का नाम शाहजहांनाबद रखा। आज इसे पुरानी दिल्ली कहा जाता है।
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