उत्तर प्रदेश के शहरी विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए राज्य की योगी सरकार ने दिल्ली-NCR क्षेत्र को एक और नया शहर देने की योजना पर तेज़ी से काम शुरू कर दिया है। दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले के मुरादनगर क्षेत्र में बनने वाले इस नए शहर का नाम होगा "ग्रेटर गाजियाबाद" (Greater Ghaziabad), जो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, सुव्यवस्थित प्रशासन और रोजगार सृजन की दृष्टि से एक मॉडल शहर बनने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस मेगा प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार हो चुकी है और जिला प्रशासन सहित संबंधित विभाग इसमें मिलकर कार्य कर रहे हैं। चलिए जानते हैं इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में विस्तार से.
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20 गांवों को जोड़कर बनेगा ग्रेटर गाजियाबाद
ग्रेटर गाजियाबाद की नींव गाजियाबाद जिले के मुरादनगर क्षेत्र में रखी जा रही है। पहले जहां केवल 13 गांवों को शामिल करने की योजना थी, वहीं हालिया सर्वे के बाद यह संख्या बढ़ाकर लगभग 20 गांव कर दी गई है।
इस प्रस्तावित शहर में कुल 175 वार्ड होंगे और इसमें मुरादनगर के साथ-साथ खोड़ा, लोनी और डासना नगर पंचायत जैसे क्षेत्रों को भी जोड़ा जाएगा।
सचिव स्तर से लेकर तीन ज़ोन प्रणाली तक
नए शहर के प्रशासनिक प्रबंधन के लिए एक ठोस व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रेटर गाजियाबाद को कमिश्नरेट सिस्टम के तहत चलाया जाएगा, जिसका नेतृत्व सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे। इसके अतिरिक्त, शहर को तीन ज़ोन में विभाजित किया जाएगा और हर ज़ोन का प्रभारी एक आईएएस अधिकारी होगा।
2031 मास्टर प्लान के तहत क्षेत्र विस्तार और स्मार्ट विकास
इस मेगा सिटी प्रोजेक्ट को गाजियाबाद, लोनी, मुरादनगर और मोदीनगर के 2031 मास्टर प्लान में शामिल किया गया है। अब सड़क नेटवर्क और मौजूदा विकास क्षेत्र के आधार पर ग्रेटर गाजियाबाद की सीमाएं तय की जा रही हैं।
जिला प्रशासन नई सीमाओं और क्षेत्रों की विस्तृत जानकारी को संकलित कर रहा है ताकि विकास योजनाएं व्यवस्थित, व्यावहारिक और टिकाऊ बन सकें। मास्टर प्लान के अंतर्गत शहर में आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।
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रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा निवेश
सभी विभागों ने संबंधित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कार्य लगभग पूरा कर लिया है और रिपोर्टें अब अंतिम चरण में हैं। इसके बाद सीमांकन, प्रशासनिक ढांचे और नगर विकास की योजनाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। नए शहर में बेहतर सड़कें, सार्वजनिक परिवहन, अंडरपास, ट्रेनों के स्टॉपेज, और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
ग्रेटर गाजियाबाद के रूप में दिल्ली-NCR को एक आधुनिक, सुव्यवस्थित और रोजगारमुखी शहर मिलने जा रहा है। आने वाले वर्षों में यह नया शहर न केवल गाजियाबाद बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक रोल मॉडल स्मार्ट सिटी बन सकता है।
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