ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने विश्व के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में से एक होर्मुज जलडमरूमध्य या स्ट्रेट ऑफ़ होर्मुज (Strait of Hormuz) को बंद करने की चेतावनी दी है। ईरानी न्यूज़ एजेंसी IRINN ने राजनेता इस्माइल कोसारी के हवाले से यह जानकारी दी है। अगर यह जलमार्ग बंद हुआ, तो इससे वैश्विक तेल आपूर्ति बाधित हो सकती है और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं।
आइए जानें कि होर्मुज स्ट्रेट कहां स्थित है, और इसका विश्व अर्थव्यवस्था में क्या महत्व है। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि किस जल भाग को स्ट्रेट या जलडमरूमध्य कहते है.
क्या होता है स्ट्रेट या जलडमरूमध्य?
स्ट्रेट या जलडमरूमध्य (Strait) एक संकीर्ण (narrow) जलमार्ग होता है जो दो बड़े जल निकायों (जैसे समुद्र या महासागर) को आपस में जोड़ता है और अक्सर दो भूभागों (landmasses) को अलग करता है। यह प्राकृतिक रूप से बना होता है।
होर्मुज स्ट्रेट की क्या है लोकेशन?
होर्मुज जलडमरूमध्य ईरान और ओमान के बीच स्थित है, जो फारस की खाड़ी (Persian Gulf) को ओमान की खाड़ी (Gulf of Oman) और अरब सागर (Arabian Sea) से जोड़ता है। यह जलमार्ग रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया का एक बड़ा हिस्सा इसी रास्ते से तेल का आयात-निर्यात करता है।
कितना चौड़ा है होर्मुज:
जलडमरूमध्य की चौड़ाई सिर्फ 33 किलोमीटर है, परंतु इसके नौवहन मार्ग और भी संकरे हैं, जिससे यह हमलों और अवरोध की स्थिति में अधिक संवेदनशील बन जाता है।
होर्मुज स्ट्रेट क्यों है महत्वपूर्ण:
अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (US Energy Information Administration) के अनुसार, विश्व का लगभग 20% तेल उपभोग इस जलडमरूमध्य के माध्यम से होता है। साल 2023 में लगभग 2 करोड़ बैरल प्रतिदिन (20 mb/d) कच्चा तेल और इससे जुड़े प्रोडक्ट यहां से गुजरे। बता दें कि इस पूरे व्यापार का लगभग 70% भाग एशियाई देशों जैसे चीन, भारत और जापान की ओर जाता है।
यदि होर्मुज ब्लॉक हुआ तो क्या होगा?
यदि यह रास्ता ब्लॉक होता है तो कई देशों के लिए होने वाली तेल की आपूर्ति बाधित हो सकती है खासकर एशियाई देशों की. हालाँकि वैकल्पिक पाइपलाइन मार्ग जैसे अबू धाबी से फुजैरा और सऊदी अरब की ईस्ट-वेस्ट पाइपलाइन मौजूद हैं, लेकिन इनकी कुल क्षमता सिर्फ 4.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन है जो कुल तेल व्यापार का एक छोटा हिस्सा भर है।
पूर्ण रूप से बंद होने की संभावना कम है, लेकिन केवल इसकी धमकी भी ऊर्जा बाज़ार को अस्थिर करने के लिए काफ़ी है। बीते सप्ताह ही कच्चे तेल की क़ीमतों में बढ़ोतरी देखी गयी है.
होर्मुज जलडमरूमध्य न सिर्फ एक समुद्री मार्ग है, बल्कि यह वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा का मुख्य रास्ता है। अगर यह बंद होता है तो भारत समेत पूरी दुनिया में पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतें तेज़ी से बढ़ सकती हैं, और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में दुनिया भर की निगाहें इस क्षेत्र के हालात पर टिकी हैं।