जिस तरह से पानी हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण भाग है। इसी प्रकार मौजूदा समय में पेट्रोल तेल भी हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण भाग बन गया है। क्योंकि, यदि आपकी गाड़ी ईंधन के रूप में पेट्रोल से चलती है, तो आप पेट्रोल की अहमियत समझ सकते हैं।
यही वजह है कि भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आपको पेट्रोल पंप देखने को मिल जाएंगे, जहां से आप पेट्रोल ले सकते हैं। हालांकि, भारत में एक शहर ऐसा भी है, जिसे पेट्रोल का शहर भी कहा जाता है। कौन-सा है यह शहर, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
शहरों को क्यों दिया जाता है उपनाम
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर भारत में शहरों को उपनाम क्यों दिया जाता है। आपको बता दें कि शहरों को यह नाम उनकी विशेषताओं की वजह से दिया जाता है, जिससे शहरों को उनके मूल नाम के अलावा नई पहचान मिलती है।
इससे पर्यटन विकास को भी बढ़ावा मिलता है। इस वजह से शहरों को उनकी विशेषताओं को देखते हुए उपनाम दिया जाता है।
कौन-सा शहर कहलाता है पेट्रोल का शहर
अब हम यह जान लेते हैं कि आखिर किस शहर को पेट्रोल का शहर भी कहा जाता है। आपको बता दें कि असम राज्य के तिनसुकिया जिले में स्थित डिगबोई को पेट्रोल का शहर या तेल का शहर भी कहा जाता है।
क्यों कहा जाता है पेट्रोल का शहर
भारत में डिगबाई वह स्थान है, जहां भारत में सबसे पहले कच्चे तेल की खोज की गई थी। यहां 1889 में तेल का पहला कुआं खोदा गया था। वहीं, डिगबोई में ही एशिया की सबसे पुरानी तेल रिफाइनरी मौजूद है, जो कि 1901 में शोधनशाला के रूप में स्थापित की गई थी। खास बात यह है कि यह रिफाइनरी आज भी चलन में है और दुनिया की सबसे पुरानी चलित रिफाइनरियों में शामिल है।
कैसे हुई थी नाम की उत्पत्ति
आपको असम में मौजूद डिगबोई नाम थोड़ा अलग लग रहा होगा। इसके नाम की उत्पत्ति की भी अपनी कहानी है। दरअसल, कहा जाता है कि जब यहां कुआं खोदा जा रहा था, तो यहां मौजूद एक अंग्रेजी इंजीनियर श्रमिकों को कुआं खोदने के लिए प्रोत्साहित कर रहा था। इस दौरान वह "Dig, boy, dig!" (खोदो, लड़के, खोदो!) कहता था, जिसके बाद इस जगह का नाम डिगबोई ही पड़ गया।
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