World Environment Day 2025: विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसका श्रेय संयुक्त राष्ट्र महासभा को दिया जाता है, जिसने साल 1972 में स्टॉकहोम सम्मेलन में पर्यावरण दिवस की घोषणा की थी। इसके एक साल बाद यानि कि 1973 में पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था।
इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम प्लास्टिक कचरा प्रदूषण का खत्म करना है। वहीं, इस पूरे कार्यक्रम में दुनिया के 150 देश हिस्सा लेंगे, जो एक साथ आगे बढ़कर पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठाएंगे।
वहीं, भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अरावली वॉल परियोजना की शुरुआत करने के साथ-साथ एक पेड़ मां के नाम अभियान 2025 की भी शुरुआत की जाएगी।
भारत सरकार ने वैश्विक स्तर पर क्या उठाए हैं कदम
-साल 2019 में भारत ने जिनेवा, स्विट्जरलैंड में इन तीन प्रमुख सम्मेलनों की संयुक्त बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस दौरान भारत द्वारा विकासशील देशों में ई-कचरे की डंपिंग का विरोध किया गया। भारत ने बेसल कन्वेंशन की पूर्व सूचित सहमति (PIC) प्रक्रिया के तहत प्लास्टिक कचरे को लाने के साथ-साथ अवैध प्लास्टिक डंपिंग व एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का भी समर्थन किया।
-भारत द्वारा 2 जुलाई 2019 को भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और UNEP ने G20 ओसाका ब्लू ओशन विजन में भाग लिया गया। इसके बाद भारत और अन्य सदस्य देशों ने प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर सहमति व्यक्त की। इस कड़ी में समुद्री प्लास्टिक कूड़े और माइक्रोप्लास्टिक को कम करने के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए 2050 तक महासागरों में कोई भी नया प्लास्टिक कचरा डालने से रोकने का लक्ष्य रखा तय किया गया।
-साल 2021 में पेरिस में आयोजित वन प्लैनेट समिट के दौरान भारत प्रकृति और लोगों के लिए उच्च महत्वाकांक्षा गठबंधन (HAC) में शामिल हुआ। इस दौरान 2030 तक दुनिया की कम से कम 30 फीसदी भूमि और महासागरों की रक्षा करना का लक्ष्य तय किया गया।
प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए भारत की प्रमुख पहल
-भारत ने प्लास्टिक कचरे के संकट से निपटने के लिए एक मजबूत कानूनी और नीतिगत ढांचे को अपनाया है। इस कड़ी में प्लास्टिक के उपयोग, पुनर्चक्रण और निपटान को सुनिश्चित करने के लिए काम किया जा रहा है।
-पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत कचरे का पर्यावरण की दृष्टि से सही प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न अपशिष्ट प्रबंधन नियमों को भी अधिसूचित किया है। इनमें एक नियम प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 है।
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 के तहत प्रमुख प्रावधान:
-पतले प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध: 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग 31 दिसंबर 2022 से प्रतिबंधित हैं।
-हल्के गैर-बुने हुए बैग पर प्रतिबंध: 60 GSM (ग्राम प्रति वर्ग मीटर) से कम के गैर-बुने हुए प्लास्टिक कैरी बैग 30 सितंबर 2021 से प्रतिबंधित हैं।
-राज्य-स्तरीय कार्रवाई: कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक और कैरी बैग पर आंशिक या पूर्ण प्रतिबंध के लिए अपने स्तर पर प्रतिबंध लगाए हैं।