भारतीय नौसेना ने हाल ही में अपनी समुद्री शक्ति को नए मुकाम पर पहुंचा दिया। रूस के कालिनिनग्राद शहर में अत्याधुनिक स्टील्थ मल्टीरोल युद्धपोत INS तमाल को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया। यह नया युद्धपोत भारत-रूस के मजबूत रक्षा सहयोग और आत्मनिर्भर भारत अभियान का बेहतरीन उदाहरण है। INS तमाल अब अरब सागर में भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा को और अधिक सुरक्षित बनाएगा।
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आखिरी विदेशी युद्धपोत:
INS तमाल विदेशी स्रोत से शामिल किया जाने वाला भारतीय नौसेना का अंतिम युद्धपोत है, जो देश के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियानों को और गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
#Tamal
— SpokespersonNavy (@indiannavy) July 1, 2025
Commissioning Ceremony Today - #01Jul 25
The ship’s motto, ‘Sarvada Sarvatra Vijaya’ (Victorious Always Everytime) signifies the #IndianNavy’s undying commitment to operational excellence in every mission, complementing its motto ‘Combat Ready, Credible, Cohesive and… https://t.co/5wBLJxzArG pic.twitter.com/bjLQHLtdPT
INS तमाल (F71) प्रोजेक्ट 1135.6 के तहत निर्मित एक उन्नत क्रिवाक III श्रेणी का फ्रिगेट है। इस श्रेणी के कुल सात युद्धपोत पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल हो चुके हैं, जिनमें तीन तलवार श्रेणी के जहाज शामिल हैं, जिन्हें सेंट पीटर्सबर्ग के बाल्टिस्की शिपयार्ड में बनाया गया था। इसके अलावा तीन फॉलो-ऑन टेग श्रेणी के जहाज और एक तुशील श्रेणी का सिस्टर शिप भी हैं, जिसे रूस के यंतर शिपयार्ड (कालिनिनग्राद) में तैयार किया गया था।
कालिनिनग्राद में ऐतिहासिक कमीशनिंग समारोह
INS तमाल को रूस के कालिनिनग्राद शहर में आयोजित समारोह में वेस्टर्न नेवी कमांड के चीफ वाइस एडमिरल संजय जे. सिंह की मौजूदगी में कमीशन किया गया। भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से बने इस अत्याधुनिक युद्धपोत में 33% स्वदेशी उपकरणों का इस्तेमाल हुआ है। इसे वेस्टर्न नेवी कमांड में तैनात किया जाएगा।
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INS Tamal Commissioned: हाईलाइट्स
फीचर | डिटेल्स |
प्रमुख हथियार | समुद्र और जमीन पर सटीक वार, डुअल-रोल ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, वर्टिकली लॉन्च्ड सरफेस-टू-एयर मिसाइल (एक्सटेंडेड रेंज), एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर, हेवीवेट टॉरपीडो |
क्षमता | 250 से अधिक सैनिक तैनात, जिन्होंने रूस की कठिन सर्दियों में कठोर प्रशिक्षण लिया है |
आकार | लंबाई: 125 मीटर, वजन: 3,900 टन |
गति | 30 नॉट्स से अधिक (लगभग 55 किमी/घंटा) |
प्रहार क्षमता | 100 मिमी आधुनिक गन, तेज गति से हमला करने वाले एंटी-सबमरीन रॉकेट |
हेलिकॉप्टर संचालन | हेलिकॉप्टर ऑपरेशन की सुविधा, जिससे हवाई और समुद्री ऑपरेशन होगा आसान |
INS तमाल: स्टील्थ तकनीक से लैस मल्टीरोल फ्रिगेट
INS तमाल (F71) प्रोजेक्ट 1135.6 के तहत उन्नत क्रिवाक III श्रेणी का फ्रिगेट है। यह दो उन्नत अतिरिक्त फॉलो-ऑन तुशील श्रेणी के जहाजों में से दूसरा है, जिसके लिए अक्टूबर 2016 में अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए थे। इसकी ब्रह्मोस मिसाइल, स्टील्थ तकनीक और तेज गति इसे समंदर में दुश्मनों के लिए बेहद खतरनाक बनाते हैं।
INS तमाल: क्या है तमाल का अर्थ
‘तमाल’ नाम पौराणिक कथाओं में देवराज इंद्र की शक्तिशाली तलवार से प्रेरित है। INS तमाल का प्रतीक चिन्ह भी अनोखा है, इसमें रामायण के महान योद्धा जाम्बवंत और रूस के भूरे भालू का मिश्रण दिखाया गया है। यह प्रतीक भारत और रूस के गहरे रक्षा व सांस्कृतिक संबंधों की झलक देता है। INS तमाल के सैनिक खुद को ‘द ग्रेट बेयर्स’ कहते हैं और इसका आदर्श वाक्य ‘सर्वदा सर्वत्र विजय’ (हर जगह, हर समय जीत) इसकी अजेय भावना को दर्शाता है।
भारत-रूस रक्षा साझेदारी की मिसाल
INS तमाल भारत और रूस के दशकों पुराने रक्षा सहयोग का मजबूत उदाहरण है। इसमें 33% स्वदेशी उपकरणों का इस्तेमाल भारत की तकनीकी प्रगति और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को गति देता है।
अरब सागर में भारत की रणनीतिक मौजूदगी को मजबूती
INS तमाल की तैनाती से भारतीय नौसेना की ताकत खासकर अरब सागर में कई गुना बढ़ जाएगी। यह पाकिस्तान के कराची बंदरगाह के नजदीक भारत की रणनीतिक मौजूदगी को प्रभावी बनाए रखेगा।
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