देश में आरक्षण नीति का असर अब कार्य व्यवस्था पर भी देखने को मिलने वाला है। बता दें कि देश की सर्वोच्च न्यायालय में कर्मचारियों की सीधी भर्ती और पदोन्नति में पहली बार आरक्षण नीति लागू करने का फैसला लिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस संबंध में 24 जून को एक सर्कुलर जारी कर देश की टॉप न्यायालय के सभी कर्मचारियों को इसकी जानकारी दी है। न्यायालय ने आरक्षण नीति लागू करते हुए एक आदर्श आरक्षण रोस्टर जारी किया है।
सीधी भर्ती में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण का लाभ देने के लिए 200 सूत्री रोस्टर प्रणाली लागू की गई है। यह रोस्टर 23 जून को जारी किया गया था। यह पहली बार है जब सर्वोच्च न्यायालय के कर्मचारियों के बीच आरक्षण नीति लागू की गई है। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति में किसी प्रकार का आरक्षण लागू नहीं है, लेकिन फिर भी उनकी नियुक्ति में हर वर्ग और हर क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का ध्यान रखा जाता है।
आरक्षण के हिसाब मिलेगी सीधी भर्ती और प्रोन्नति
अभी तक सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए और कर्मचारियों की भर्ती के लिए आरक्षण लागू नहीं किया था, लेकिन अब भर्ती प्रक्रिया में बदलाव आया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने जुलाई 1997 में सरकारी नौकरियों में आरक्षण लागू करने का फैसला लिया था। हालांकि, अभी तक सुप्रीम कोर्ट में इस सिलसिले को जारी नहीं किया गया था, लेकिन 28 सालों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों की सीधी भर्ती और प्रोन्नति में आरक्षण नीति लागू कर दिया है।
कब से लागू होगा आरक्षण नीति?
सुप्रीम कोर्ट ने 23 जून से औपचारिक रूप से आरक्षण नीति को लागू करने का निर्णय लिया है। रजिस्ट्रार प्रदीप वाई. लाडेकर ने 23 जून को रोस्टर जारी कर इस बात की जानकारी दी है। बता दें कि अब से सुप्रीम कोर्ट में 15 फीसदी सीटें और 7.5 फीसद सीटे अनुसूचित जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किया है।
सर्कुलर में क्या कहा गया?
सर्कुलर में कहा गया है कि प्राधिकारी के निर्देशानुसार सभी जानकारी के लिए अधिसूचित किया जाता है कि आरक्षण रोस्टर को सुपनेट पर अपलोड कर दिया गया है और इसे 23 जून 2025 से लागू भी कर दिया गया है। इसके अलावा यह भी सूचित किया जाता है कि रोस्टर या रजिस्टर में किसी भी कर्मचारी द्वारा गलती या अशुद्धि के संबंध में आपत्ति या अभ्यावेदन होने पर वे रजिस्ट्रार भर्ती को सूचित कर सकते हैं।
आरक्षण नीति के क्रियान्वयन के रोस्टर के अनुसार, अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों को शीर्ष अदालत में 7.5 प्रतिशत कोटा मिलेगा। नीति के अनुसार, आरक्षण का लाभ रजिस्ट्रार, वरिष्ठ निजी सहायकों, सहायक लाइब्रेरियन, जूनियर कोर्ट सहायकों और चैंबर अटेंडेंट को मिलेगा।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation