मंगोलिया की राजधानी उलानबातार को दुनिया की सबसे ठंडी राष्ट्रीय राजधानी माना जाता है। यहाँ का सालाना औसत तापमान सभी राजधानियों में सबसे कम है। ऊँचाई, समुद्र से दूरी और बेहद लंबे ठंडे मौसम की वजह से यह शहर साल के अधिकांश समय शून्य से नीचे रहता है। चलिए इसके मौसम, भूगोल और जीवन से जुड़े प्रमुख पहलुओं को सरल भाषा में समझते है।
ऊँची घाटी में बसा एक शहर:
उलानबातार (Ulaanbaatar/Ulan Bator) मंगोलिया का सबसे बड़ा शहर है, जो देश के उत्तर-मध्य भाग में तूल नदी (Tuul River) के किनारे स्थित है। यह शहर लगभग 1,300–1,350 मीटर की ऊँचाई पर एक ऊँची घाटी में बसा है, जिसके चारों ओर मंगोलियाई पठार की पर्वतमालाएँ हैं।
क्यों है दुनिया की सबसे ठंडी राजधानी?
उलानबातार का औसत वार्षिक तापमान 0 से –2.9°C के बीच रहता है। समुद्र से बेहद दूर होने के कारण यहाँ अत्यधिक महाद्वीपीय जलवायु मिलती है।
बता दें कि ऊँचाई अधिक होने से तापमान naturally कम रहता है और अत्यधिक ठंड सर्दी की रातें धरती की गर्मी को तेजी से बाहर निकलने देती हैं।
कितना रहता है औसत तापमान:
उलानबातार में गर्मियाँ बहुत छोटी और हल्की गर्म होती हैं औए सर्दियाँ लंबी, अत्यंत ठंडी और शुष्क होती हैं। वहीं जनवरी में औसत तापमान लगभग –20°C तक गिर जाता है। ठंड की चरम अवधि में तापमान –36°C से –40°C तक पहुँच सकता है। साथ ही जुलाई में तापमान 20–27°C तक पहुँच जाता है।
रिकॉर्ड न्यूनतम तापमान
1950 के दशक में उलानबातार के आसपास तापमान लगभग –44°C तक दर्ज हुआ था। यह शहर बहुत शुष्क (dry) है और यहाँ की अधिकांश वर्षा गर्मियों में होती है। सर्दियाँ बेहद ठंडी लेकिन कम बर्फबारी वाली होती हैं।
अत्यधिक ठंड के कारण चुनौतियाँ
उलानबातार की आबादी लगभग 1.6–1.7 मिलियन है, जो पूरे मंगोलिया की करीब आधी आबादी है। इतने ठंडे मौसम में लोगों को भारी हीटिंग सिस्टम, ऊर्जा उपयोग, वायु प्रदूषण (कोयला और ईंधन से), और विशेष इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
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