भारत में अलग-अलग लगने वाले अप्रत्यक्ष करों की जगह अब वस्तु एवं सेवा कर(GST) लगता है। हालांकि, यह भी वस्तुओं और सेवाओं के हिसाब से अलग-अलग लगाया जाता है। इस कड़ी में खाने-पाने की चीजें भी शामिल हैं, जिस पर हमें जीएसटी का भुगतान करना होता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि रेस्तरां या होटल में रोटी की तुलना में पराठे पर अधिक कर लगता है।
किसी एक उत्पाद को एक देश से दूसरे देश में निर्यात करने और उसकी पहचान के लिए एक वर्ल्ड कस्टम आर्गेनाईजेशन के द्वारा एक कोड दिया जाता है इस कोड को Harmonized System for Nomenclature कहा जाता है। इसे शोर्ट में HSN कोड भी कहा जाता है.
इस कोड की मदद से लगभग 5 हजार उत्पादों को वर्गीकृत किया गया है.जिस प्रोडक्ट में यह कोड लिखा होता है उसके कोड को देखकर पता लगाया जा सकता है कि यह कौन सा प्रोडक्ट है कृषि का या मशीन का, खाने का पहनने का और इस पर किस डर से टैक्स लगाया जाना है?
यह कोड 6 डिजिट का होता है, लेकिन भारत में वस्तु एवं सेवा कर के आने के बाद इसे 8 डिजिट का बनाया गया है।
इस HSN कोड के पहले दो अंक कोड के अंदर ‘चैप्टर’ को बताते हैं.अगले 2 डिजिट इस चैप्टर के अंदर ‘हैडिंग’ को बताते हैं, अगले 2 डिजिट ‘सब हेडिंग’ बताते हैं और लास्ट के 2 डिजिट ‘प्रोडक्ट टैरिफ’ को बताते हैं।
भारत, पहले से ही एक्साइज और कस्टम विभाग में HSN कोड का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन वस्तु एवं सेवा कर के लगने के बाद भारत में लगभग हर उत्पाद पर GST लगाया जाता है.
रोटी पराठा टैक्स
कुछ वर्ष पहले बंगलुरु की एक कंपनी ‘ID फ्रेश फूड्स’, जो कि ‘रेडी टू कुक’ ने अथॉरिटी ऑफ़ एडवांस रूलिंग (AAR) से कांटेक्ट किया और कहा कि ‘रेडी टू कुक’ आइटम्स पर 18% वस्तु एवं सेवा कर न लगाकर केवल 5% कर लगाया जाना चाहिए जैसा कि अन्य जरूरी खाद्य पदार्थों (रोटी, पापड़) पर लगाया जाता है।
कंपनी ने इस अथॉरिटी से यह मांग की थी कि गेंहू का बना पराठा और मालाबार पराठा, इत्यादि को GST के अन्दर चैप्टर 1905 के अंदर लाया जाना चाहिए, जो कि केवल 5% कर लगाता है। इसके ऊपर टैक्स ‘हेडिंग 1905’ के अंदर लगाया जाता है।
ध्यान रहे कि अनप्रोसेस्ड फ़ूड आइटम्स पर कोई ‘वस्तु एवं सेवा कर’ नहीं लगाया जाता है, जबकि प्रोसेस्ड फ़ूड आइटम्स पर 5 से लेकर 12 और 18% तक वस्तु एवं सेवा कर लगाया जाता है।
ऐसे में अथॉरिटी ऑफ़ एडवांस रूलिंग (AAR) ने यह था कि चूंकि अभी मालाबार पराठा को किसी ‘हेडिंग’ के अंदर नही रखा गया है, लेकिन वह इसे 18% कर की श्रेणी में रखना चाहेगी, क्योंकि ऐसा देखा गया है कि मालाबार पराठा एक पैकेट में प्रोसेस फ़ूड के रूप में आता है और इसका उपयोग धनी वर्ग के द्वारा किया जाता है, इसलिए इसे रोटी और पापड़ की श्रेणी में 5% वस्तु एवं सेवा कर की श्रेणी में नहीं रख सकते हैं।
यही कारण है कि भारत में दक्षिण भारत में बिकने वाले पराठे पर रोटी की तुलना में अधिक कर लगाया जाता है। यहां पर यह बात ध्यान में रखी जानी चाहिए कि यहां पर पराठा का मतलब प्रोसेस्ड पराठा से है, जो कि पैकेट में आता है और तवे पर फ्राई करके खाया जा सकता है। वहीं, जो पराठा हम रेस्तरां में आर्डर करते हैं, वह अलग होता है और उस पर केवल 5% GST लगता है।
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