भारत एक विशाल, विविधता पूर्ण राष्ट्र है, जिसमें कई छिपे हुए अजूबे और आकर्षक रहस्य हैं। इसमें कई राज्य हैं, और उनमें से एक का दिलचस्प शीर्षक है "भारत का सोता हुआ राज्य।" यह शब्द किसी आधिकारिक पदनाम का वर्णन नहीं कर सकता है, बल्कि एक ऐसे राज्य का अनौपचारिक संदर्भ है जो अभी भी अविकसित, कम औद्योगीकृत और अन्य तेजी से प्रगति करने वाले क्षेत्रों में से एक है। यह लेख इस पदनाम के पीछे के कारणों की पड़ताल करता है, जिसमें आर्थिक ठहराव, बुनियादी ढांचे की बाधाएं, सामाजिक और सांस्कृतिक कारक और भविष्य की विकास संभावनाएं शामिल हैं।
क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा राज्य भी है जिसे 'स्लीपिंग स्टेट ऑफ इंडिया' कहा जाता है? यह नाम सुनते ही मन में कई सवाल उठते हैं कि इसे ऐसा क्यों कहा जाता है? क्या यहां के लोग बहुत सोते हैं या फिर यहां की गति बहुत धीमी है? अगर ऐसा है तो इसके पीछे क्या कारण है? अगर आपके मन में ऐसे सवाल आ रहे हैं, तो हम आपको इसके पीछे की पूरी कहानी बताएंगे-
ऐसा इसलिए क्योंकि जब बात भारत की आती है तो यहां का हर राज्य हंसता-खेलता नजर आता है। लेकिन, यहां के एक राज्य को सोया हुआ क्यों कहा जा रहा है? यह वाकई में हैरान करने वाली बात है। दरअसल, यह टैग मजाक में नहीं बल्कि इस राज्य की जीवनशैली, आराम और दिनचर्या को देखकर दिया गया है। यहां के लोग दिन की शुरुआत बहुत जल्दी करते हैं और सूरज ढलते ही अपने घरों को लौट जाते हैं। बाजार बंद हो जाते हैं, सड़कें शांत होती हैं और माहौल सुकून भरा होता है। लेकिन, इस राज्य का असली नाम क्या है, आइए जानते हैं इसके पीछे क्या वजह है-
किस राज्य को भारत का सोया हुआ राज्य कहा जाता है?
- हिमाचल प्रदेश को इसी नाम से पुकारा जाता है। यहां कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
- ये जगहें वाकई इतनी शांत हैं कि ऐसा लगता है जैसे यहां कोई नहीं रहता है। यहां का माहौल बेहद शांत, हरे-भरे खेत, नदी, झील और खूबसूरती का मेल इन जगहों को खूबसूरत बनाता है।
- इसलिए इस राज्य को भारत का सोया हुआ राज्य भी कहा जाता है। हालांकि, पहले इस राज्य को कोटरीगर्त के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर Sleeping State कर दिया गया। हिमाचल प्रदेश का जीवन दूसरे मेट्रो शहरों से बिल्कुल अलग है।
हिमाचल प्रदेश को क्यों कहते हैं स्लीपींग स्टेट?
हिमाचल प्रदेश यानी बर्फ की गोद में बसा एक खूबसूरत राज्य। यह नाम इस जगह की खूबसूरती को बखूबी बयां करता है। हिमाचल प्रदेश का नाम पहली बार संस्कृत के विद्वान और आचार्य दिवाकर दत्त शर्मा ने सुझाया था, जिसके बाद साल 1948 में इसे आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया गया। फिर कई छोटे पहाड़ी राज्यों को मिलाकर इस क्षेत्र का निर्माण हुआ।
हिमाचल प्रदेश में क्या है खास?
- यहां की हर जगह पोस्टकार्ड की तरह दिखती है। बर्फ से ढके पहाड़, हरी-भरी घाटियां, झीलें और नदियों इसे आकर्षन का केंद्र बनाती है।
- यह जगह अथितियों के स्वागत के लिए प्रसिद्ध है। यहां के लोग मेहमानों को भगवान मानते हैं।
- हिमाचली पहनावा, लोक संगीत और नृत्य के लिए काफी प्रचलित है।
- दिसंबर से फरवरी तक मनाली, कुफरी और स्पीति जैसे इलाकों में बर्फबारी होती है, जो इसे आकर्षन का केंद्र बनाते हैं। लोग दूर-दूर से अपने परिवार और दोस्तों के साथ छूट्टियां मनाने के लिए आते हैं।
- हिमाचल प्रदेश में कुछ ऐसी जगहें हैं जहां का खाना बहुत ही स्वादिष्ट होता है। यहां के सिड्डू, चना चाट जैसे व्यंजन के देश भर में चर्चे हैं।
- यहां महिलाएं और अकेले यात्रा करने वाले भी सुरक्षित महसूस करते हैं, क्योंकि यहां के स्थानीय लोग बहुत अच्छे हैं।
किन चीजों के लिए प्रसिद्ध है हिमाचल प्रदेश?
हिमाचल प्रदेश एक ऐसा खजाना है जहां आपको कहीं रोमांच, कहीं शांति, कहीं धार्मिक आस्था और कहीं संस्कृति की खूबसूरत झलक देखने को मिलेगी। आप किसी भी जगह को बड़े आराम से एक्सप्लोर कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश के बारे में रोचक तथ्य
क्या आप जानते हैं? हिमाचल प्रदेश दुनिया के सबसे ऊंचे क्रिकेट मैदान, चैल क्रिकेट ग्राउंड का घर है, जो 2,444 मीटर की प्रभावशाली ऊंचाई पर चैल में स्थित है!
झीलों का राज्य: हिमाचल में 25 से ज़्यादा प्राचीन झीलें हैं, जिनमें शांत रेवालसर झील और करेरी झील शामिल हैं, जो शांतिपूर्ण पिकनिक और नाव की सवारी के लिए एकदम सही जगह हैं।
जैव विविधता हॉटस्पॉट: राज्य वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध है, जिसमें दुर्लभ हिमालयी मोनाल और हिम तेंदुए सहित कई प्रजातियां हैं।