भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां का समृद्ध और गौरवशाली इतिहास इसे अन्य राज्यों से अलग बनाता है। यहां की सांस्कृतिक विरासत और अनूठी परंपराएं भारत के मस्तक पर स्वर्ण तिलक के समान है।
यही वजह है कि भारत को करीब से जानने के लिए हर साल बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी इसके अलग-अलग शहरों का रूख करते हैं। आपने भारत के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना ही होगा।
हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत के एक जिले में मौजूद एक शहर ऐसा भी है, जिसे इलायची का शहर भी कहा जाता है। कौन-सा है यह शहर, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
शहरों को क्यों दिया जाता है उपनाम
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि शहरों को उपनाम क्यों दिया जाता है। आपको बता दें कि शहरों की भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति या फिर उस क्षेत्र में होने वाले किसी विशेष उत्पाद के कारण शहरों को उपनाम दिया जाता है। इससे न सिर्फ शहर को विशेष पहचान मिलती है, बल्कि शहरों में पर्यटन भी बढ़ता है, जिससे शहर को आर्थिक लाभ पहुंचता है।
किस शहर को कहा जाता है इलायची का शहर
अब सवाल है कि भारत में किस शहर को इलायची का शहर भी कहा जाता है, तो आपको बता दें कि तमिलनाडू के तेनी जिले में स्थित बोडिनायक्कनूर शहर को इलायची का शहर भी कहा जाता है।
क्यों कहा जाता है इलायची का शहर
बोडिनायक्कनूर शहर की जलवायु और वातावरण यहां इलायची के उत्पादन के लिए एक विशेष परिस्थिति बनाती है। इससे यहां प्रमुख रूप से इलायची का उत्पादन और व्यापार होता है। यहां पहुंचने पर आपको जगह-जगह इलायची देखने को मिल जाएगी। यही वजह है कि इस शहर को इलायची का शहर भी कहा जाता है।
और किन राज्यों में होता है इलायची का उत्पादन
तमिलनाडू के अलावा केरल और कर्नाटक में भी प्रमुख रूप से इलायची का उत्पादन होता है। यहां से इलायची को देश के अलग-अलग हिस्सो में भेजा जाता है।
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