कच्चा तेल (क्रूड ऑयल) एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला तरल जीवाश्म ईंधन है। यह एक अपरिष्कृत पेट्रोलियम उत्पाद है, जो मुख्य रूप से हाइड्रोकार्बन से बना होता है। इसमें कुछ मात्रा में सल्फर, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन भी होते हैं। यह भूमिगत जलाशयों में पाया जाता है। कच्चे तेल को 'पेट्रोलियम', 'काला सोना' या सिर्फ 'तेल' भी कहा जाता है।
कच्चे तेल का निर्माण प्राचीन समुद्री जीवों के अवशेषों से होता है। ये जीव लाखों साल पहले तलछट की परतों के नीचे दब गए थे और अत्यधिक गर्मी और दबाव के कारण तेल में बदल गए।
कच्चे तेल को जमीन से कुओं या ऑयल सैंड्स के जरिए निकाला जाता है। जमीन से निकालने के बाद, कच्चे तेल को रिफाइन किया जाता है। इससे गैसोलीन, डीजल, जेट फ्यूल, हीटिंग ऑयल जैसे कई उत्पाद बनाए जाते हैं। इसके अलावा, सड़कें बनाने के लिए डामर, बिजली पैदा करने और रसायन और प्लास्टिक बनाने के लिए पेट्रोकेमिकल फीडस्टॉक जैसे संबंधित उत्पाद भी तैयार किए जाते हैं।
यहीं पर तेल रिफाइनरियों की भूमिका शुरू होती है। तेल रिफाइनरियां कच्चे तेल को कई तरह के पेट्रोलियम उत्पादों में बदलती हैं। इस प्रक्रिया को डिस्टिलेशन और क्रैकिंग कहते हैं, जिसमें कच्चे तेल को गर्म भट्टियों में दबाव के साथ गर्म किया जाता है।
तेल रिफाइनरियां अशुद्धियों और अनचाहे घटकों को हटाकर कच्चे तेल की गुणवत्ता में भी सुधार करती हैं। रिफाइनरियां अक्सर अलग-अलग रिफाइंड उत्पादों और एडिटिव्स को मिलाकर खास तरह के ईंधन भी तैयार करती हैं, जिनमें मनचाहे रासायनिक गुण होते हैं।
वर्तमान में दुनिया में 825 सक्रिय तेल रिफाइनरियां हैं और 2030 तक 181 और यूनिट्स बनाने की योजना है। हालांकि, अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व में बड़ी संख्या में रिफाइनरियां हैं, लेकिन एशिया में सबसे ज्यादा चालू तेल रिफाइनरियां मौजूद हैं। इसके अलावा, रिफाइनरी विस्तार की सबसे ज्यादा परियोजनाएं भी यहीं चल रही हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कहां स्थित है।
दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी भारत में है। गुजरात के जामनगर में स्थित जामनगर रिफाइनरी, दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी है। यह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के स्वामित्व में है।
जामनगर रिफाइनरी 14 जुलाई 1999 को शुरू हुई थी। यह दुनिया की सबसे जटिल सिंगल-साइट रिफाइनरी है। यह प्रति दिन 14 लाख (1.4 मिलियन) बैरल (MMBPD) कच्चे तेल को प्रोसेस कर सकती है। इसका कॉम्प्लेक्सिटी इंडेक्स 21.1 है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।
जामनगर रिफाइनरी में दुनिया का सबसे बड़ा पेटकोक गैसीफायर भी है। इसे कोयला और पेटकोक दोनों पर चलाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस रिफाइनरी में पैराक्सिलीन, पॉलीप्रोपाइलीन, रिफाइनरी ऑफ-गैस क्रैकर, फ्लूइडाइज्ड कैटेलिटिक क्रैकर, अल्किलेशन और कोकर की दुनिया की कुछ सबसे बड़ी यूनिट्स भी हैं।
RIL की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, यह दुनिया की एकमात्र रिफाइनरी है जिसने दुनिया में उत्पादित 216 से ज्यादा अलग-अलग ग्रेड के कच्चे तेल को प्रोसेस किया है।
जामनगर रिफाइनरी भारत की सबसे बड़ी एकीकृत पेट्रोकेमिकल उत्पादक है। साथ ही, यह दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत पॉलिएस्टर उत्पादक भी है। यह दुनिया में प्यूरिफाइड टेरेफ्थेलिक एसिड (PTA) और पॉलीप्रोपाइलीन (PP) के शीर्ष पांच उत्पादकों में भी शामिल है। पैराक्सिलीन (PX) उत्पादन में यह दुनिया भर में तीसरे स्थान पर है।
भारत का पेट्रोलियम उद्योग
भारत की पेट्रोलियम यात्रा की शुरुआत 1867 में असम के डिगबोई में खोदे गए पहले तेल के कुएं से हुई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में उन्नीस सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSU) रिफाइनरियां, तीन निजी क्षेत्र की रिफाइनरियां और एक संयुक्त उद्यम रिफाइनरी है। भारत की तेल शोधन क्षमता अप्रैल 2014 में 215.066 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) से बढ़कर अप्रैल 2024 में 256.816 MMTPA हो गई। भारत दुनिया के शीर्ष पांच तेल-शोधन करने वाले देशों में शामिल है।
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