त्रिपुरा ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल किया है। राज्य को ULLAS (Understanding Lifelong Learning for All in Society) नवभारत साक्षरता दर कार्यक्रम के तहत पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा दिया गया है।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा राज्य को 95.6% साक्षरता दर दर्ज करते हुए मिजोरम और गोवा के बाद देश का तीसरा पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्रालय की सचिव प्रीति मीना, त्रिपुरा शिक्षा विभाग के सचिव रावल हेमेंद्र कुमार, एससीईआरटी (SCERT) के निदेशक एल. दारलोंग, माध्यमिक शिक्षा के निदेशक एनसी शर्मा सहित लोग भी मौजूद रहे। सहा ने कहा कि साक्षरता कार्यक्रम पहले लोगों को अपने नाम के हस्ताक्षर करना सिखाने तक सीमित था, वहां अब लोगों को पढ़ना - लिखना, गिनती आदि सिखाई जा रही हैं।
देश के टॉप 5 साक्षरता दर वाले राज्य
नीचे देखें देश के 5 उच्चतम साक्षरता दर वाले राज्यों की लिस्ट:
रैंक | राज्य/संघ राज्य क्षेत्र | साक्षरता दर |
1 | मिजोरम | 98.2% |
2 | लक्ष्यद्वीप | 97.3% |
3 | त्रिपुरा | 95.6% |
4 | केरल | 95.3% |
5 | गोवा | 93.6% |
ULLAS क्या है?
ULLAS (Understanding Lifelong Learning for All in Society) केंद्र सरकार द्वारा 2022 में शुरू की गई एक योजना है। जिसका लक्ष्य अधिक उम्र के उन लोगों को साक्षर बनाना है, जो किसी वजह से वंचित रह गए थे। इसके तहत लोगों को पढ़ना- लिखना, गिनती आदि सिखाए जाते हैं।
त्रिपुरा में इस योजना को मिशन मोड में लाया गया था, जहां हर जिले में डोर-टू-डोर सर्वे किए गए। इतना ही नहीं, डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ULLAS ऐप का महत्वपूर्ण तरीके से उपयोग हुआ।
साहा ने बताया पिछले साल 17 मार्च को आयोजित फाउंडेशन लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी असेसमेंट टेस्ट में कुल 4,597 स्टूडेंट शामिल हुए थे, जिनमें से 3,581 सफल हुए। इसके बाद पिछले साल 29 दिसंबर को 14,179 स्टूडेंट और शामिल हुए, जिनमें से 13,909 पास हुए। इसके बाद इस साल 23 मार्च को कुल 5,896 में से 5,819 स्टूडेंट पास हुए हैं।
साक्षरता दर के आंकड़े
राज्य के सीएम ने साक्षरता दर का ग्राफ बताते हुए कहा कि 1961 में यह दर 20.24% थी, जो धीरे-धीरे ठीक होकर 1991 में 60.44%, 2001 में 73.19% तथा 2011 में 87.22% हो गई।
लेबर फोर्स सर्वे के मुताबिक साल 2023-24 में साक्षरता दर बढ़कर 93.7% हो जाएगी और 2024-25 में 95.6% हो जाएगी।
इतना ही नहीं राज्य में कुल 943 सामाजिक चेतना केंद्र के तहत कुल 2,228 वालंटियर इससे जुड़े हुए हैं।