उत्तर प्रदेश का अनोखा गांव, जिसे घूमने के लिए खरीदना होगा टिकट, यहां देखें पता

भारत को लेकर कहा जाता है कि असली भारत की पहचान उसके गांवों से है। यही वजह है कि असली भारत गांवों के दिल में ही बसता है। वहीं, उत्तर प्रदेश के गांव भारत की सांस्कृतिक विरासत को बखूबी दर्शाते हैं। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि यूपी का एक ऐसा गांव भी है, जिसे घूमने के लिए टिकट खरीदना पड़ता है।

Kishan Kumar
Jul 20, 2025, 22:28 IST
यूपी का ऐसा गांव जहां घूमने के लिए लगता है टिकट
यूपी का ऐसा गांव जहां घूमने के लिए लगता है टिकट

भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां की सांस्कृतिक विरासत और अनूठी पंरपराएं इसे अन्य देशों से अलग बनाती हैं। भारत को लेकर एक कहावत भी है, जिसके तहत कहा जाता है कि असली भारत की पहचान इसके गांवों से है। भारत में वर्तमान में 28 राज्य और 28 केंद्र शासित प्रदेश हैं।

इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग गांव मौजूद हैं, जो कि भारतीय संस्कृति को दर्शाते हैं। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में एक ऐसा गांव है, जिसे घूमने के लिए टिकट खरीदना पड़ता है।  

भारत में कुल कितने गांव हैं

भारत में साल 2011 की जनगणना पर गौर करें, तो कुल गांवों की संख्या 6,40,930 है। इनमें से करीब 93.2 फीसदी यानि कि 5,97,608 गांव बसे हुए हैं। 

उत्तर प्रदेश में कुल कितने गांव हैं

उत्तर प्रदेश अपनी अधिकांश ग्रामीण आबादी के लिए जाना जाता है। साल 2011 की जनगणना पर गौर करें, तो यहां कुल 97,941 गांव हैं। 

किस गांव के लिए खरीदना पड़ेगा टिकट 

अब सवाल है कि यूपी में ऐसा कौन-सा गांव है, जहां पहुंचने के लिए टिकट खरीदना पड़ता है। आपको बता दें कि यह गाजीपुर जिले का Khurpi Nature Village है। यदि आप इस गांव में पहुंच रहे हैं, तो आपको इसके लिए टिकट खरीदना पड़ेगा। 

कितना रुपये का लगेगा टिकट

खुरपी नेचर विलेज गाजीपुर जिले के मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आपको 20 रुपये का टिकट खरीदना पड़ेगा। 

युवाओं के लिए फ्री जिम, तो गरीबों के लिए खाना

इस गांव की खास बात यह है कि यहां युवाओं के लिए फ्री जिम व पुस्तकालय की सुविधा रखी गई है। इसके अतिरिक्त, गांव में प्रतिदिन करीब 100 से 150 गरीबों के लिए मुफ्त खाना भी परोसा जाता है। 

प्राचीन गांव की दिखती है झलक 

गाजीपुर के इस खुरपी गांव को पूरी तरह से प्राचीन परिदृश्य में तैयार किया गया है। यहां पहुंचने पर आपको ऐसा लगेगा कि आप भारत के किसी बहुत ही पुराने गांव में आ गए हैं। गांव को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यहां आने वाले व्यक्ति को भारतीय पारंपरिक गांव की झलक देखने को मिले। 

गांव दे रहा है रोजागर 

इस गांव में प्रमुख रूप से मुर्गी और मतस्य पालन किया जा रहा है, जिसमें स्थानीय लोग कार्यरत हैं। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। वहीं, गांव में एक चिड़ियाघर भी है, जिसे देखने के लिए लोग पहुंचते हैं। यदि आप भी इस गांव का देखने को प्लान बना रहे हैं, तो यूपी के गाजीपुर जिले में पहुंच सलामतपुर में यहां पहुंच सकते हैं। आप यहां सरकारी बस या फिर अपनी निजी वाहन से भी पहुंच सकते हैं।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

I did my graduation from GGSIPU University, Delhi. I started my Career from Dainik Jagran(Print) as a reporter then I switched to Amar Ujala(Print) as a Sub-Editor. I used to cover all technical universities of Delhi including; DTU, IIIT, DSEU, IGDTUW & NSUT. Currently I work for Jagran Josh(A digital wing of Dainik Jagran). Here, I create digital content for General Knowledge Section. My expertise is in General Knowledge, Creative writing, Research, Hindi & English typing.
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