Ram Mandir Dhwajarohan 2025: राम मंदिर ध्वजारोहण से जुड़े ऐसे फैक्ट्स, जो आपको नहीं होंगे मालूम

Nov 25, 2025, 12:27 IST

Ram Mandir Dhwajarohan 2025: राम मंदिर के इतिहास में 25 नवंबर, 2025 का दिन ऐतिहासिक रूप से दर्ज हो गया है। यह वह दिन है, जब मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ध्वजारोहण किया गया है। यह अवसर अपने आप में खास है। ऐसे में इस लेख में हम ध्वजारोहण से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जानेंगे, जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे।

राम मंदिर ध्वजारोहण 2025
राम मंदिर ध्वजारोहण 2025

Ram Mandir Dhwajarohan 2025: राम मंदिर का सूंपूर्ण निर्माण हो गया है। इसके साथ ही मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ध्वजारोहण किया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। राम मंदिर पर भगवा धर्म ध्वज लहराना वैभव का प्रतीक माना जा रहा है। इस ऐतिहासिक दिन पर पूरी अयोध्या को सजाया गया है। वहीं, पूरे राम मंदिर परिसर को रगं-बिरंगी लाइटों की रोशनी से नहलाया गया है। इस लेख में हम ध्वजोत्सव से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जानेंगे, जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे। 

ध्वजारोहण व मंदिर से जुड़े कुछ प्रमुख तथ्य 

-राम मंदिर के शिखर पर फहराया गया ध्वज केसरिया रंग का है, जिसकी लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट है। वहीं, ध्वजदंड 42 फीट का है, जिसपर ध्वज लगाया गया है। यह धर्म ध्वज 161 फीट ऊंचे शिखर पर लहराया गया है।

-ध्वज में तीन चिह्नों को शामिल किया गया है, जिसमें सूर्य, ऊं और कोविदार वृक्ष है। सनातन परंपरा में देखें, तो केसरिया रंग त्याग, बलिदान, वीरता और भक्ति का प्रतीक माना गया है। रघुकुल शासनकाल में भी भगवा रंग का विशेष महत्त्व हुआ करता था।

-ध्वज में बने कोविदार वृक्ष का प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख मिलता है। इस वृक्ष को पारिजात और मंदार के संयोग से बना वृक्ष माना गया है। रघुवंश शासनकाल में यह वृक्ष अतिमहत्त्वपूर्ण माना गया है। आज के समय में देखें, तो यह कचनार के वृक्ष से मिलता-जुलता है। वाल्मीकि रामायण में भी भरत के ध्वज पर कोविदार वृक्ष का वर्णन मिलता है, जिसमे ऊं और सूर्य का प्रतीक शामिल है। सूर्य देवता विजय का प्रतीक माने जाते हैं।

-श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर स्थापत्य शैली में किया गया है। इसमें कुल 392 स्तंभ और 44 प्रवेश द्वार हैं। खास बात यह है कि इसके सभी स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी- देवताओं की नक्काशी की गई है। वहीं, भूतल पर बने गर्भगृह में भगवान श्री राम को प्रतिष्ठापित किया गया है।

-मंदिर के गर्भगृह तक 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंह प्रवेश द्वार के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।

-राम मंदिर परिसर का कुल एरिया 2.7 एकड़ है, जिसमें निर्मित क्षेत्र 57,400 वर्ग फीट है।

-राम मंदिर की कुल लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट है। वहीं, इसकी शिखर तक कुल लंबाई 161 फीट है।

-मंदिर में कुल 3 तल हैं और प्रत्येक तल की ऊंचाई 20 फीट रखी गई है।

-मंदिर के भूतल पर कुल 160 स्तंभ बनाए गए हैं। वहीं, पहले तल पर 132 स्तंभ और दूसरे तल पर 74 स्तंभ हैं। 

-मंदिर में कुल पांच मंडप बनाए गए हैं, जिसमें नृत्य, रंग, प्रार्थना, कीर्तन और सभा मंडप है।

-मंदिर में कुल 12 प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। मंदिर का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो कंपनी द्वारा किया गया है, जबकि टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। मंदिर का डिजाइन अहमदाबाद के चंद्रकांत सोमपुरा ने बनाया था।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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