भारत का इतिहास उठाकर देखें, तो हमें यहां दिल्ली सल्तनत से लेकर मुगलों, मराठाओं और अंग्रेजों का शासनकाल देखने को मिलता है। अंग्रेजों ने भारत में व्यापार के माध्यम से प्रवेश किया और धीरे-धीरे इसे शासन में बदल दिया। 1757 में प्लासी के युद्ध के बाद अंग्रेजों का भारत में अधिकार बढ़ा और 1857 में कंपनी रूल खत्म होने के बाद क्राउन रूल शुरू हुआ, जिसके तहत यहां ब्रिटिश सरकार का राज चला।
हालांकि, यह भी 1947 में खत्म हो गया। इस दौरान ब्रिटिश ने भारत में अलग-अलग इमारतों का निर्माण किया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में बनी अंग्रेजों की आखिरी इमारत कौन-सी है। इस लेख में हम इस बारे में जानेंगे।
अंग्रेजों की बनी आखिरी इमारत कौन-सी है
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि भारत में अंग्रेजों की बनी आखिरी इमारत कौन-सी है। आपको बता दें कि यह नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन है, जिसे उस समय वायसराय हाउस के नाम से जाना जाता था।
कब से कब तक बना राष्ट्रपति भवन
राष्ट्रपति भवन अंग्रेजों द्वारा बनाई गई आखिरी और बड़ी इमारत थी। यह अपने आप में बहुत महत्त्वपूर्ण थी, क्योंकि इसे भारत के वायसराय के लिए बनाया गया था। इसके वास्तुकार एडविन लुटियंस थे। इस इमारत का निर्माण कार्य 1912 में शुरू हुआ था, जो कि 1929 में जाकर पूरा हुआ। हालांकि, इसका औपचारिक उद्घाटन 1931 में किया गया।
कितना बड़ा है राष्ट्रपति भवन
राष्ट्रपति भवन कुल 330 एकड़ में फैला हुआ है। इसकी मुख्य इमारत ही 5 एकड़ में बनी है। पूरे भवन का कुल एरिया 2 लाख वर्ग फुट है। वहीं, यहां कुल 340 कमरे, अतिथि कक्ष, राष्ट्रपति का निवास और कार्यालय व अशोक और दरबार हॉल भी है। इसके अतिरिक्त, यहां पुस्तकालय, सिनेमा हॉल और स्पोर्ट्स ग्राउंड भी है।
2.5 किलोमीटर का गलियारा
यदि आप राष्ट्रपति भवन में सिर्फ इसके गलियारे में घूमेंगे, तो आपको करीब 2.5 किलोमीटर तक पैदल चलना होगा। भवन में कुल 37 बड़े आंगन बने हुए हैं।
70 करोड़ ईंटों से हुआ था निर्माण
राष्ट्रपति भवन को कुल 17 सालों में बनाकर तैयार किया गया था। एक अनुमान के मुताबिक, इसमें करीब 70 करोड़ ईंटें व 30 लाख घन फुट पत्थर लगा हुआ है। खास बात यह है कि इसमें बहुत ही कम लोहे का इस्तेमाल किया गया है। भवन के पीछे अमृत उद्यान है, जो कि 15 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें दुर्लभ प्रजाति के फूल पाए जाते हैं।
दूसरा सबसे बड़ा निवास स्थल
राष्ट्रपति भवन को इसके एरिया के हिसाब से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निवास स्थल माना जाता है। पहले पायदान पर इटली का क्विरीनल पैलेस का नाम आता है। कुछ मामलों में इसे दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी निवास भी माना जाता है।
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