भारत में हींग का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन-सा है, जानें

हिमाचल प्रदेश भारत में हींग (asafoetida) का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसने देश में पहली बार इस मसाले की खेती की शुरुआत की है। आइए जानते हैं कि भारत में हींग की खेती कैसे शुरू हुई, इसके लिए कैसी जलवायु चाहिए और इसका सांस्कृतिक और औषधीय महत्व क्या है।

Aug 21, 2025, 17:46 IST
हींग का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य
हींग का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य

हिमाचल प्रदेश भारत में हींग (asafoetida) का सबसे बड़ा और वर्तमान में एकमात्र प्रमुख उत्पादक है। सदियों से भारत हींग के लिए पूरी तरह से अफगानिस्तान, ईरान और उज्बेकिस्तान से होने वाले आयात पर निर्भर रहा है। हालांकि, 2020 में CSIR–IHBT (हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी संस्थान) ने भारत में पहली बार हींग की खेती का प्रोजेक्ट शुरू किया। यह प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश के ठंडे रेगिस्तानी इलाके लाहौल और स्पीति में शुरू किया गया। इस इलाके की जलवायु, मध्य एशिया में हींग की खेती के लिए जरूरी प्राकृतिक माहौल से काफी मिलती-जुलती है।

भारत में हींग का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन-सा है?

हींग उत्पादन में हिमाचल प्रदेश पहले स्थान पर है। यह फेरुला asafoetida (Ferula asafoetida) पौधे की खेती करने वाला पहला राज्य है, जिससे यह तीखी गंध वाला मसाला मिलता है। हाल तक, भारत अपनी सालाना 1,200 टन की मांग का 90% से ज्यादा हिस्सा आयात करता था। लेकिन, हिमाचल के ऊंचाई वाले इलाकों में हींग की खेती सफल होने के साथ ही देश ने अब हींग उत्पादक के रूप में वैश्विक पहचान बना ली है।

हिमाचल प्रदेश में कितना हींग पैदा होता है?

2024 तक हिमाचल प्रदेश ने 300 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर हींग की खेती की है, जो मुख्य रूप से लाहौल घाटी में है। इस मसाले को फसल के लिए तैयार होने में 5 साल लगते हैं। इसलिए, 2025 से बड़े पैमाने पर उत्पादन की उम्मीद है। सरकार की योजना हींग की खेती को 750 हेक्टेयर से ज्यादा तक बढ़ाने की है। इसका लक्ष्य अगले कुछ सालों में उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।

भारत में हींग के बारे में कुछ रोचक तथ्य

-भारत 600 से ज्यादा सालों से हींग का आयात कर रहा है। यह अफगानिस्तान और ईरान जैसे देशों से आयात पर हर साल 900 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करता है।

-हींग गर्म जलवायु में नहीं उग सकती। यह ठंडे रेगिस्तानी वातावरण में अच्छी तरह पनपती है। इसलिए, हिमाचल, उत्तराखंड और लद्दाख के कुछ हिस्से इसकी खेती के लिए बहुत अच्छे हैं।

-फेरुला (Ferula) के पौधे को बड़ा होने और गोंद जैसा रस देने में लगभग 5 साल लगते हैं। इस वजह से यह किसानों के लिए एक लंबी अवधि वाली, लेकिन ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है।

-आयुर्वेद में हींग का इस्तेमाल पाचन को ठीक रखने, सांस से जुड़ी समस्याओं और सूजन-रोधी फायदों के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है।

-भारत में हर साल लगभग 1,500 टन हींग की खपत होती है। इसका इस्तेमाल दाल और करी से लेकर अचार और पापड़ तक हर चीज में किया जाता है।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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