जम्मू-कश्मीर, अपने खूबसूरत नजारों के साथ धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है। रोमांच के शौकीन लोग यहां की ऊंची पहाड़ियों में हर साल पहुंचते हैं। हालांकि, इस बार जम्मू-कश्मीर प्राकृतिक आपदा की वजह से सुर्खियों में बना हुआ है। यहां की नदियां उफान पर हैं, जिससे कुछ इलाकों में बाढ़ की स्थिति है। इस लेख में हम जम्मू-कश्मीर की प्रमुख नदियों के बारे में जानेंगे।
सिंधु नदी
सिंधु नदी का उद्गम कैलाश पर्वत के पास बोखर चू ग्लेशियर से होता है। यह भारत में लद्दाख क्षेत्र से होकर बहती है और गिलगित-बाल्टिस्तान होते हुए पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश करती है। यह नदी लद्दाख के लिए अति महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि, यहां यह सिंचाई के लिए प्रमुख स्रोत है। वहीं, सिंधु घाटी सभ्यता का विकास भी इस नदी के पास ही हुआ था।
झेलम नदी
झेलम नदी का उद्गम अनंतनाग जिले के वेरीनाग झरने से होता है। भारत का स्वर्ग कहा जाने वाले श्रीनगर इसी नदी के किनारे बसा हुआ है। यह नदी कश्मीर घाटी से होकर बहती है और साथ ही वुलर झील से होकर गुजरती है। अंत में यह नदी पाकिस्तान में प्रवेश करने के बाद चिनाब नदी में मिल जाती है। आपको बता दें कि इस नदी को कश्मीर की जीवन रेखा भी कहा जाता है।
चिनाब नदी
चिनाब नदी का उद्गम हिमाचल प्रदेश में चंद्र और भागा नामक दो नदियों से मिलकर होता है। यहां से यह नदी जम्मू में प्रवेश करती है और रामबन, डोडा व किश्तवाड़ होते हुए पाकिस्तान में प्रवेश करती है। दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल भी इस नदी के ऊपर ही बनाया गया है।
रावी नदी
रावी नदी का उद्गम हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित रोहतांग दर्रे के पास से होता है। यह जम्मू के रास्ते पंजाब में प्रवेश करती है और आखिर में पाकिस्तान में चिनाब नदी से मिल जाती है। रावी नदी को सिंधु नदी की प्रमुख सहायक नदी माना जाता है।
तवी नदी
तवी नदी का उद्गम जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में स्थित कैलाश कुंड ग्लेशियर से होता है। यह नदी मुख्य रूप से जम्मू में बहती है और शहर को दो हिस्सों में बांटती है। इस नदी को जम्मू की जीवन रेखा भी कहा जाता है। जम्मू शहर में प्रवेश करने पर इस नदी को आसानी से देखा जा सकता है। शहर के बड़े पुल इसी नदी के ऊपर बने हुए हैं।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation