भारतीय रेलवे रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ ट्रेनों की स्पीड पर भी विशेष फोकस कर रहा है, जिससे देश में ट्रेनों की औसत गति में इजाफा हुआ है. वंदे भारत एक्सप्रेस की गति की बात करें तो यह सेमी-हाई-स्पीड ने देश में ट्रेनों की औसत गति को बढ़ाया है.
भारतीय रेलवे ने 2019 में वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत कर रेल सफर में एक नया अध्याय जोड़ा था। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फ़ैक्ट्री (ICF) द्वारा विकसित इन सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनों ने न केवल यात्रियों का समय बचाया है बल्कि इंटरसिटी कनेक्टिविटी को भी नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है। आज देशभर में कुल 150 वंदे भारत सेवाएं (75 अप और 75 डाउन) पूरी क्षमता के साथ संचालित हो रही हैं।
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वंदे भारत ट्रेन की स्पीड:
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को 180 किमी प्रति घंटा की शीर्ष गति के लिए डिज़ाइन किया गया है। इनकी अधिकतम परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटा तय की गई है। हालांकि, वास्तविक गति कई कारकों जैसे ट्रैक की गुणवत्ता, स्टॉपेज, और रखरखाव कार्यों पर निर्भर करती है।
130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पर चलने वाली ट्रेनें
पूरे मार्ग पर 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से फिलहाल केवल 5 वंदे भारत एक्सप्रेस चल रही हैं:
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बिलासपुर–नागपुर–बिलासपुर (20825/20826)
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हावड़ा–पटना–हावड़ा (22347/22348)
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अहमदाबाद–मुंबई सेंट्रल–अहमदाबाद (22962/22961)
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हावड़ा–गया–हावड़ा (22303/22304)
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नागपुर–सिकंदराबाद–नागपुर (20101/20102)
कुछ ही रूट पर 130 km/h की स्पीड
कई वंदे भारत ट्रेनें केवल कुछ हिस्सों में ही 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ती हैं।
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वाराणसी–नई दिल्ली वंदे भारत: नई दिल्ली से प्रयागराज तक 130 किमी, प्रयागराज से वाराणसी तक 110 किमी।
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नई दिल्ली–कटरा वंदे भारत: नई दिल्ली से लुधियाना तक 130 किमी, लुधियाना से कटरा तक 110 किमी।
पटरियों के आधुनिकीकरण से मिला लाभ
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में संसद के मानसून सत्र में बताया कि पिछले 10 वर्षों में रेलवे ट्रैक के उन्नयन और आधुनिकीकरण का बड़े पैमाने पर काम किया गया है ताकि गति क्षमता को और बढ़ाया जा सके।
क्या है आगे का प्लान
रेल मंत्रालय का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में देशभर की प्रमुख रूटों को अपग्रेड कर वंदे भारत ट्रेनों को अधिक से अधिक मार्गों पर 130–160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ाया जाए। इससे यात्रियों को तेज, आरामदायक और समयबचत वाली यात्रा का अनुभव मिलेगा।
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