Difference Between Momos And Dumplings: मोमोस और डंपलिंग्स देखने में एक जैसे लगते हैं, इसलिए अक्सर लोगों को इनके बीच उलझन होती है। लेकिन ये दोनों एक नहीं हैं। मोमोस और डंपलिंग्स के बीच का अंतर उनकी उत्पत्ति, भरावन (फिलिंग), पकाने के तरीके और स्वाद में है। मोमोस तिब्बत और नेपाल की एक खास डिश है, जो अब भारत में बहुत लोकप्रिय हो गई है। वहीं, डंपलिंग्स एक ग्लोबल डिश है, जिसके अलग-अलग रूप चीन, जापान, कोरिया और यहां तक कि यूरोप में भी मिलते हैं।
मोमोस
मोमोस तिब्बत और नेपाल का एक पारंपरिक भोजन है, जो अब भारत में एक पसंदीदा स्ट्रीट फूड बन गया है। इसका आटा आमतौर पर मैदे से बनाया जाता है। इसे बहुत पतला बेला जाता है और फिर इसमें सब्जियां, चिकन, पनीर या मटन भरा जाता है। भरावन में प्याज, लहसुन, अदरक और मिर्च जैसे मसाले डाले जाते हैं, जिससे मोमोस का स्वाद तीखा और चटपटा होता है। परंपरागत रूप से मोमोस को भाप में पकाया जाता है। लेकिन आजकल आपको फ्राइड मोमोस, पैन-फ्राइड मोमोस और यहां तक कि तंदूरी मोमोस भी मिल जाएंगे। इन्हें हमेशा एक तीखी लाल चटनी के साथ परोसा जाता है, जो इन्हें डंपलिंग्स की तुलना में ज्यादा तीखा बना देती है।
डंपलिंग्स
डंपलिंग्स भोजन की एक बहुत बड़ी कैटेगरी है। यह चीनी व्यंजनों से निकली है, लेकिन दुनिया भर के कई देशों में पाई जाती है। चीन में डंपलिंग्स को जिओजी (jiaozi) के नाम से जाना जाता है। यह चीनी नव वर्ष के दौरान खाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्यंजन है। इसका आटा पतला या मोटा हो सकता है और कभी-कभी यह गेहूं या आलू से भी बनाया जाता है। इसकी भरावन में हल्के मसाले डाले जाते हैं। इसमें अक्सर पोर्क, बीफ, झींगा या सब्जियां शामिल होती हैं। मोमोस के विपरीत, डंपलिंग्स बहुत मसालेदार नहीं होते हैं। इन्हें आमतौर पर सोया सॉस या सिरके के साथ खाया जाता है या सूप में परोसा जाता है। दुनिया भर में इसके अलग-अलग रूप मौजूद हैं, जैसे कि जापानी ग्योजा (gyoza), कोरियाई मांडू (mandu) और पोलिश पियरोगी (pierogi)।
मोमोस और डंपलिंग्स के बीच मुख्य अंतर
मोमोस और डंपलिंग्स के बीच मुख्य अंतर उनके स्वाद और शैली में है। मोमोस ज्यादा मसालेदार और भारतीय स्वाद वाले होते हैं। इन्हें आमतौर पर तीखी चटनी के साथ परोसा जाता है। वहीं, डंपलिंग्स का स्वाद हल्का होता है और इन्हें सोया सॉस या सिरके जैसे हल्के डिप्स के साथ परोसा जाता है। मोमोस को ज्यादातर भाप में पकाया जाता है या तला जाता है। जबकि डंपलिंग्स को भाप में पकाने, उबालने, तलने, बेक करने या सूप में डालने जैसे कई तरीकों से बनाया जा सकता है। मोमोस तिब्बत और नेपाल की एक खास डिश है जो पूरे भारत में फैल गई है। जबकि डंपलिंग्स के एशिया और यूरोप में कई अंतरराष्ट्रीय रूप मिलते हैं।
क्या मोमोस एक तरह के डंपलिंग हैं?
हां, तकनीकी रूप से मोमोस एक तरह के डंपलिंग ही हैं, लेकिन इसमें एक खास हिमालयी अंदाज है। जो चीज इन्हें अलग बनाती है, वह है इनकी मसालेदार भरावन और भारत में इन्हें चटनी के साथ परोसने का तरीका। हालांकि, डंपलिंग्स कई संस्कृतियों में मौजूद हैं और अलग-अलग स्वाद, आकार और पकाने के तरीकों के साथ आते हैं। यही कारण है कि सभी मोमोस को डंपलिंग्स माना जा सकता है, लेकिन सभी डंपलिंग्स मोमोस नहीं होते।
मोमोस V/s डंपलिंग्स
भारत में दिल्ली, मुंबई और बैंगलोर जैसे शहरों में मोमोस सबसे पसंदीदा स्ट्रीट फूड में से एक है। इनका मसालेदार स्वाद और सस्ती कीमत इन्हें युवाओं के लिए एक झटपट नाश्ते का विकल्प बनाती है। दूसरी ओर, डंपलिंग्स चीन, जापान और कोरिया में बहुत लोकप्रिय हैं। वहां इन्हें रोज के भोजन और त्योहारों के व्यंजनों, दोनों रूपों में खाया जाता है। दुनिया भर में डंपलिंग्स को एक आरामदायक भोजन (comfort food) के रूप में पहचाना जाता है। जबकि मोमोस को हिमालय का एक स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड माना जाता है।
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